PM MODI-PUTIN: भारत और रूस ने 23वीं वार्षिक शिखर बैठक के दौरान मध्य-पूर्व और पश्चिम एशिया में शांति एवं स्थिरता को लेकर अपनी मजबूत प्रतिबद्धता दोहराई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई इस उच्चस्तरीय बैठक में रक्षा, व्यापार, ऊर्जा, आतंकवाद-निरोध और जलवायु परिवर्तन जैसे अहम मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई।
कई अहम मुद्दों पर हुई सहमति
दोनों देशों ने अफगानिस्तान पर अपने घनिष्ठ समन्वय की सराहना की और मॉस्को फॉर्मट की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। नेताओं ने आईएसआईएस और आईएसकेपी जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों के खिलाफ उठाए गए कदमों का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और प्रभावी होगी। साथ ही, अफगान जनता के लिए तत्काल मानवीय सहायता सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया गया।
PM MODI-PUTIN: जलवायु परिवर्तन भारत-रूस ने दिया जोर
मध्य-पूर्व और ग़ज़ा संकट को लेकर भारत और रूस ने संयम, नागरिकों की सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन का आह्वान किया। दोनों पक्षों ने ईरान परमाणु मुद्दे को बातचीत के ज़रिए सुलझाने की आवश्यकता और ग़ज़ा में मानवीय सहायता को तेज़ करने पर बल दिया। जलवायु परिवर्तन पर भी भारत-रूस ने सहयोग बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण सहमति व्यक्त की। दोनों ने पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने, कार्बन उत्सर्जन-घटाने वाली तकनीकों के विकास और सतत वित्तीय साधनों के उपयोग को प्रोत्साहित किया। जी20, ब्रिक्स और एससीओ में इस मुद्दे पर संयुक्त पहल जारी रखने पर भी सहमति बनी।
बैठक में विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त सामरिक साझेदारी को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई गई। पुतिन ने भारत के आतिथ्य के लिए आभार जताया और 2026 में अगली भारत-रूस वार्षिक बैठक के लिए प्रधानमंत्री मोदी को रूस आने का निमंत्रण दिया।
ये भी पढ़े….. Tiger Smuggler: आखिर पकड़ी गई 10 साल से वांटेड ‘बाघ तस्कर’, भारत-चीन सीमा पर बड़ी कार्यवाही







