IndiGo Crisis Deepens: लगातार बढ़ रही फ्लाइट देरी और रद्दीकरण से यात्रियों की परेशानी बढ़ने के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इंडिगो एयरलाइन के शीर्ष प्रबंधन पर सीधा शिकंजा कस दिया है। DGCA ने एयरलाइन के CIO पीटर एल्बर्स को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 24 घंटे में जवाब देने का निर्देश दिया है।
DGCA का आरोप: प्लानिंग और मैनेजमेंट में गंभीर विफलता
नोटिस में कहा गया है कि इंडिगो की बड़े पैमाने पर देरी और कैंसिलेशन ऑपरेशनल प्लानिंग, ओवरसाइट और रिसोर्स मैनेजमेंट की गंभीर चूक को दर्शाते हैं।
नियामक के अनुसार एयरलाइन एयरक्राफ्ट रूल्स 1937 के नियम 42A और सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट्स (CAR) विशेषकर पायलटों की थकान प्रबंधन का पालन करने में नाकाम रही है। DGCA ने स्पष्ट किया कि “CIO के तौर पर आप विश्वसनीय संचालन और यात्रियों को सुविधा सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार थे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।”
IndiGo Crisis Deepens: यात्रियों की परेशानी में अव्यवस्था
नोटिस में इंडिगो के रोस्टर मैनेजमेंट में “बड़े पैमाने पर रुकावट” का उल्लेख किया गया है, जिससे देशभर में यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। विमानन नियामक ने संकेत दिया कि जवाब संतोषजनक न होने पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
IndiGo Crisis Deepens: सरकार सक्रिय, जांच टीम गठित
नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने बताया कि यात्रियों को राहत देने के लिए तुरंत कदम उठाए गए हैं और चार सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी गई है। उन्होंने कहा “इंडिगो की पूरी जांच हो रही है, जरूरत पड़ी तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
10–15 दिसंबर तक स्थिति सामान्य होने की उम्मीद
फ्लाइट रुकावटों के बाद हवाई टिकटों में अचानक आई बढ़ोतरी को रोकने के लिए सरकार ने देशभर में घरेलू किराए पर लिमिट लगा दी है, जो 7,500 से 18,000 रुपए के बीच है। इंडिगो के CEO ने कहा है कि उनके ऑपरेशन की जटिलता को देखते हुए 10 से 15 दिसंबर तक स्थिति सामान्य होने की उम्मीद है।
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