Babri Masjid: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के निलंबित तृणमूल कांग्रेस विधायक हुमायूं कबीर के घर से कथित रूप से भारी मात्रा में नकद धनराशि मिलने का मामला सोमवार को सुर्खियों में आ गया। कबीर ने स्वयं अपने फेसबुक अकाउंट पर एक लाइव वीडियो जारी किया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग नकदी गिनते दिखाई दे रहे हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर तेजी से वायरल हो गया है।
कबीर का दावा है कि यह रकम हाल ही में शुरू हुए बाबरी मस्जिद निर्माण दान अभियान के तहत प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि बाबरी मस्जिद के शिलान्यास कार्यक्रम के साथ-साथ 6 दिसंबर 2025 से ही दान संग्रह शुरू किया गया था। उनके अनुसार, महज़ एक दिन में यह भारी राशि एकत्रित हुई।
30 लोगों को लगाकर गिनवाई जा रही रकम
हुमायूं कबीर ने वीडियो में कहा कि दान के रूप में जुटाई गई नकदी को उन्होंने घर में सुरक्षित रखा था। उनके मुताबिक, कुल 11 ट्रंक भरकर नकद राशि जमा हुई है। QR कोड के माध्यम से 93 लाख रुपये उनके बैंक खाते में आए हैं। नकदी गिनने के लिए 30 लोगों को लगाया गया है। कई मनी-काउंटिंग मशीनें भी मंगाई गई हैं। पूरी प्रक्रिया सीसीटीवी निगरानी में की जा रही है।
#Murshidabad
हुमायूँ कबीर की प्रस्तावित बाबरी मस्जिद के लिए एक दिन में ही इतनी धनराशि दान में एकत्रित हो गई है कि रुपये गिनने की मशीन से रुपयों की गिनती हो रही है। pic.twitter.com/i0vqxz1iEI— Anupam Mishra (@Anupammishra777) December 8, 2025
वीडियो में दिख रहे नोटों के बंडलों और गिनती की व्यवस्था ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। कई लोग इसे अविश्वसनीय बता रहे हैं, जबकि कुछ लोग इसे “राजनीतिक विवाद” से जोड़कर देख रहे हैं।
कबीर ने अपने वीडियो में कहा कि उन पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि वे कथित तौर पर भारतीय जनता पार्टी से फंड लेकर मस्जिद निर्माण करा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि यह आरोप “झूठे और राजनीतिक रूप से प्रेरित” हैं, और इसी कारण उन्होंने खुद पैसे गिनने की प्रक्रिया का लाइव प्रसारण किया। लोग आरोप लगा रहे हैं कि मैं भाजपा से फंड लेकर मस्जिद बना रहा हूँ। यही दिखाने के लिए मैंने पैसे गिनने का लाइव किया कि यह पूरी रकम जनता के दान से आई है। उन्होंने कहा कि दान से प्राप्त धनराशि का उपयोग बाबरी मस्जिद के निर्माण में ही किया जाएगा।
Babri Masjid: राजनीतिक हलचल तेज
वीडियो सामने आने के बाद बंगाल की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। सोशल मीडिया पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं। कुछ लोग इसे दान शक्ति का उदाहरण बताते हैं। जबकि कई इसे पारदर्शिता पर सवाल और कानूनी जांच का मुद्दा बता रहे हैं। वहीं, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह मामला आने वाले समय में बड़े विवाद का रूप ले सकता है, क्योंकि बाबरी मस्जिद और मंदिर मुद्दे पर देश में पहले से ही संवेदनशील माहौल बना हुआ है।
Report By: Pijush
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