Vande Mataram: संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। आज सोमवार को संसद का आठवां दिन है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ पर चर्चा की शुरुआत की। देश की आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले इस गीत के 150 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में संसद में खास चर्चा की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में अपनी बात रखते हुए कहा कि वंदे मातरम् पर हो रही चर्चा को गौरव का पल बताया। हमने इस महत्वपूर्ण अवसर पर एक सामूहिक चर्चा का रास्ता चुना है। जिस मंत्र और जयघोष ने देश की आजादी के आंदोलन को ऊर्जा और प्रेरणा दी थी और त्याग और तपस्या का मार्ग दिखाया था। उस वंदे मातरम् को स्मरण करना हम लोगों का सौभाग्य है। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हम इस पल के साक्षी बन रहे हैं।
देश गुलामी में जीने के लिए मजबूत
पीएम मोदी ने कहा कि एक ऐसा कालखंड जो हमारे सामने इतिहास की अनगिनत घटनाओं को अपने सामने लेकर आता है। यह चर्चा सदन की प्रतिबद्धता को तो प्रकट करेगी ही, लेकिन आने वाली पीढ़ियों के लिए भी यह शिक्षा का कारण बन सकती है अगर हम इसका सदुपयोग करेंगे। आज हम वंदे मातरम की 150 वर्ष की सामूहिक ऊर्जा की अनुभूति कर रहे हैं। पीएम मोदी ने वंदे मातरम् के 150 वर्षों की यात्रा को याद करते हुए कहा कि यह यात्रा अनेक पड़ावों से गुजरी है, लेकिन वंदे मातरम् 50 वर्ष पूरे हुए तो देश गुलामी में जीने के लिए मजबूत था। जब 100 साल पूरे हुए तो देश आपातकाल की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। भारत के संविधान का गला घोंट दिया गया था। देशभक्ति के लिए जीने-मरने वाले लोगों को जेल में बंद कर दिया गया था। दुर्भाग्य से एक काला कालखंड हमारे इतिहास में उजागर हो गया। 150 वर्ष उस महान अध्याय और गौरव को दोबारा स्थापित करने का अवसर है। मैं मानता हूं कि सदन और देश को इस अवसर को जाने नहीं देना चाहिए। यही वंदे मातरम् है, जिसने 1947 में देश को आजादी दिलाई।
Vande Mataram: अंग्रेज जानते थे बंगाल टूटा तो देश टूट जाएगा
आगे पीएम ने कहा कि आज जब मैं वंदे मातरम् 150 निमित्त चर्चा आरंभ करने के लिए खड़ा हुआ हूं तो यहां कोई पक्षप्रतिपक्ष नहीं है, क्योंकि हम सब जो यहां बैठे हैं ये हमारे लिए यह ऋण स्वीकार करने का अवसर है। वह ऋण जिसे निभाते हुए लाखों लोगों ने वंदे मातरम् के मंत्र के साथ आजादी का आंदोलन चलाया और उसी का परिणाम है कि आज हम सब यहां बैठे हैं। इसलिए हम सभी सांसदों के लिए वंदे मातरम् का यह ऋण स्वीकार करने का अवसर है। पीएम मोदी ने कहा कि वंदे मातरम् सिर्फ राजनीतिक लड़ाई का मंत्र नहीं था, सिर्फ अंग्रेज जाएं और हम अपनी राह पर खड़े हो जाएं, वंदे मातरम् सिर्फ यहां तक सीमित नहीं था। आजादी की लड़ाई, इस मातृभूमि को मुक्त कराने की जंग थी। मां भारती को उन बेड़ियों से मुक्त कराने की एक पवित्र जंग थी। अंग्रेजों ने बंगाल का विभाजन किया। सबसे पहले बंगाल तोड़ने का काम किया। अंग्रेज जानते थे कि बंगाल टूटा तो देश टूट जाएगा। अंग्रेजों ने बंगाल को प्रयोगशाला बनाया। अंग्रेज भारत को टुकड़ों में बांटना चाहते थे। बंगाल चट्टान की तरह खड़ा था। वंदे मातरम् के शब्दों से अंग्रेज डर गए थे।
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