Parliament news: लोकसभा का सोमवार का दिन इतिहास में दर्ज होने जा रहा है। वंदे मातरम् की रचना के 150 वर्ष पूरे होने पर आज सदन में विशेष चर्चा होगी, जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इस खास अवसर से पहले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इसे भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का अविस्मरणीय क्षण बताया।
10 घंटे लंबी ऐतिहासिक बहस की तैयारी
शेखावत ने बताया कि लोकसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (बीएसी) ने वंदे मातरम् पर 10 घंटे की विस्तृत चर्चा का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि आज से ठीक 150 साल पहले बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने इस अमर कृति को लिखा था, जिसने आगे चलकर स्वतंत्रता आंदोलन को नई दिशा और शक्ति दी।
Parliament news: संघर्षों को एक सूत्र में पिरोने वाला गान
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ब्रिटिश शासन के दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में स्वतंत्रता संघर्ष अपने-अपने तरीके से लड़े जा रहे थे, लेकिन वंदे मातरम् ने उन सभी आंदोलनों को एक साथ जोड़ने का काम किया। यह गीत सिर्फ प्रेरणा नहीं था, बल्कि कई स्वतंत्रता सेनानियों के अंतिम शब्द तक बन गया।
Parliament news: जोश, साहस और एकता की आवाज
शेखावत ने बताया कि जहां भी आजादी की चिंगारी भड़कती, वहां वंदे मातरम् की गूंज सुनाई देती थी। यह गीत हिंदुस्तान के संघर्ष, वीरता और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बन गया। उन्होंने कहा कि इस गान ने सीमाओं पर खड़े सैनिकों तक में अदम्य उत्साह भरने का काम किया।
समय के साथ राजनीति की भेंट चढ़ा गीत
शेखावत ने अफसोस जताते हुए कहा कि दुर्भाग्य से समय के साथ वंदे मातरम् भी राजनीतिक विवादों में उलझा। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के पुराने बयान का उल्लेख किया, जिसमें पीएम ने कहा था कि वंदे मातरम् को लेकर पैदा हुआ विभाजन, अंततः देश के विभाजन के बीजों में शामिल हो गया।
संसद में नई पीढ़ी के लिए सीख का अवसर
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज की विशेष चर्चा सिर्फ गीत के इतिहास तक सीमित नहीं होगी, बल्कि इसके सांस्कृतिक, राजनीतिक और राष्ट्रीय महत्व पर भी विस्तृत विचार होगा। सभी दलों के सांसद इसमें हिस्सा लेकर अपने मत रखेंगे। उन्होंने कहा, “आज का दिन लोकतांत्रिक इतिहास के लिए अद्वितीय है। जिस गान ने सेनानियों को प्रेरित किया, वह सदन में चर्चा के केंद्र में रहेगा यह अपने आप में गौरव का क्षण है।”
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