Meerut News: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची को लेकर बढ़ती शिकायतों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अलीगढ़ कलेक्ट्रेट में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की, जिसमें 40 से अधिक भाजपा नेता और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। बैठक का मुख्य फोकस मतदाता सूची में किसी भी तरह की गड़बड़ी रोकने और SIR प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाने पर था।
मतदाता सूची में शून्य सहनशीलता
सीएम योगी ने बैठक में साफ संदेश दिया कि मतदाता सूची केवल औपचारिक प्रक्रिया नहीं बल्कि चुनाव की विश्वसनीयता की रीढ़ है। उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में गलत नाम सूची में नहीं जाना चाहिए और योग्य मतदाता का नाम छूटना भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को चेतावनी दी कि फर्जी वोट जोड़ने की कोई भी कोशिश स्वीकार्य नहीं है और इसके लिए शून्य सहनशीलता बरती जाएगी।
Meerut News: मेरठ और मुज़फ्फरनगर पर विशेष नजर
बैठक में यह भी सामने आया कि मेरठ और मुज़फ्फरनगर जिलों से फर्जी वोट जोड़ने की सबसे ज्यादा शिकायतें आई हैं। मुख्यमंत्री ने इन जिलों में विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए और कहा कि अगर कोई भी गड़बड़ी पाई जाती है तो कार्रवाई निश्चित है।
विपक्ष पर सतर्क रहने का निर्देश
मुख्यमंत्री ने भाजपा कार्यकर्ताओं और संगठन पदाधिकारियों को आगाह किया कि विपक्ष चुपचाप अपने समर्थकों के नाम जोड़ने में जुटा है, इसलिए कोई भी लापरवाही भारी पड़ सकती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि SIR प्रक्रिया में हर एंट्री की सावधानीपूर्वक जांच अनिवार्य है।
Meerut News:जनप्रतिनिधियों से अपील
सीएम ने जनप्रतिनिधियों से सीधे अपील की कि वे अपने क्षेत्रों की मतदाता सूचियों की हर एंट्री की जांच करें और सुनिश्चित करें कि कोई गलत नाम न जुड़ें और कोई पात्र नागरिक वोटिंग अधिकार से वंचित न रह जाए।
पश्चिमी यूपी पर खास फोकस
सरकार ने संकेत दिए हैं कि आगामी महीनों में चलने वाली SIR प्रक्रिया पर विशेष निगरानी रखी जाएगी और पश्चिमी यूपी पर खास ध्यान दिया जाएगा। यह रुख साफ करता है कि मतदाता सूची को पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए अब किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और फर्जी वोटिंग पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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