Fake Notes: हाल ही में नदिया जिले के कृष्णागंज और भीमपुर थाना क्षेत्र में भारत-बांग्लादेश सीमा पर करोड़ों रुपये के सोने के बिस्कुट बरामद किए गए थे। अब इसी इलाके से भारतीय 500 रुपये के नकली नोट भी बरामद किए गए हैं। नकली नोटों का मिलना एक गंभीर चिंता का विषय है और इनके मिलने के बाद प्रशासन ने अपनी जांच तेज कर दी है। नकली नोटों का जाल कैसे फैला और इस गिरोह की पहुँच कितनी दूर तक है, इन सभी सवालों के जवाब खोजने के लिए पुलिस ने एक विशेष टीम गठित की है। इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।

बाजारों में नकली नोट का फैलता नेटवर्क
Fake Notes: सूत्रों के मुताबिक, भीमपुर थाना क्षेत्र के बाज़ारों में काफी समय से नकली भारतीय नोट फैल रहे थे। अब तक पुलिस लगातार अभियान चलाकर कई नकली नोट बरामद कर चुकी है। जैसे-जैसे पुलिस की जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे इस गिरोह का नेटवर्क और बड़ा होता जा रहा है। इसी दौरान झोड़पाड़ा क्षेत्र में पुलिस ने कार्रवाई कर देवव्रत विश्वास नाम के एक संदिग्ध व्यक्ति को पकड़ लिया, जिसकी तलाशी के दौरान उसके पास से 500 रुपये के तीन नकली नोट मिले। इसके बाद उसे अवैध गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। रविवार को पुलिस ने संबंधित धाराओं में मामला दर्ज करके उसे अदालत में पेश किया और पुलिस हिरासत की मांग की।

Fake Notes: नोटबंदी के बाद भी नकली नोट कैसे लौटे?
Fake Notes: जानकारी के अनुसार, पूरे भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा की गई थी, जिसके बाद 500 रुपये के नए नोट लाए गए थे और 1000 रुपये के नोट पूरी तरह बंद कर दिए गए थे। नोटबंदी के बाद से ही केंद्र सरकार की मुद्रा सुरक्षा तकनीक पर विशेष नजर बनी हुई थी और असामाजिक तत्वों को पुलिस प्रशासन ने कड़ी निगरानी में रखा था।
लेकिन अब इस तरह की घटनाओं के सामने आने से कई सवाल उठ रहे हैं-जैसे खुले बाजार में नकली नोट फिर से कैसे आ गए? आने वाले दिनों में इस मामले में पुलिस प्रशासन क्या कदम उठाएगा, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।







