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वंदे मातरम विवाद पर आनंद दुबे का बड़ा बयान: पीएम मोदी के फैसलों पर पूरा देश एकजुट

वंदे मातरम की 150वीं सालगिरह पर शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि यह गीत देश की शान है और हर शहीद ने इसे गाते हुए बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि अगर गीत में सुधार की जरूरत है, तो सरकार इसे शांतिपूर्ण तरीके से कर सकती है, पर पुराने मुद्दों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। देशभर के चुनाव में हुई अनियमितताओं को लेकर उन्होंने पारदर्शिता और जांच की आवश्यकता पर जोर दिया।
Vande Mataram

Vande Mataram Controversy: वंदे मातरम की 150वीं सालगिरह पर संसद में चल रही चर्चा के दौरान शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि अगर वंदे मातरम को लेकर पीएम मोदी देशहित में कोई फैसला लेते हैं, तो उस फैसले में देश के लोग एकजुट होकर उनका साथ देंगे। इसी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि वंदे मातरम हम सबके लिए गर्व का गीत है, यह हमारे देश की शान है, और हर शहीद ने इसे गाते हुए देश की सुरक्षा और आज़ादी के लिए अपना बलिदान दिया है। इसलिए इस विषय पर चर्चा होना जरूरी है और पूरा देश इसके सम्मान में एक साथ खड़ा है।

Vande Mataram Controversy: वंदे मातरम विवाद पर आनंद दुबे का बयान
वंदे मातरम विवाद पर आनंद दुबे का बयान

Vande Mataram Controversy: वंदे मातरम के सम्मान पर जोर

Vande Mataram Controversy: यदि हमारी सरकार का मानना है कि वंदे मातरम गीत की कुछ पंक्तियों में सुधार की आवश्यकता है, तो वह सत्ता में रहकर इसे पूरा कर सकती है। लेकिन पुराने मुद्दों या पूर्व नेताओं पर लगातार राजनीति करना सही नहीं है। देश मोदी सरकार द्वारा देश की भलाई के लिए लिए गए फैसलों में उनका साथ देता है। आनंद दुबे ने आगे कहा कि वंदे मातरम गीत का सम्मान पूरा देश करता है। अगर इसमें किसी भी प्रकार की त्रुटियां हों, तो उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से सुधारना चाहिए।

सुधार की बात पर प्रतिक्रिया, चुनाव प्रक्रिया पर सवाल

Vande Mataram Controversy: आनंद दुबे ने बताया कि देशभर में हुई चुनाव प्रक्रिया में कई अनियमितताएं सामने आ रही हैं, जैसे वोटर लिस्टर में गड़बड़ी, एक नाम से कई वोटर आईडी, चेहरे और ईवीएम से संबंधित शिकायतें। इन सभी कारणों से चुनावी व्यवस्था पारदर्शी होनी चाहिए। जिस जगह से भाजपा को जीत मिली और जहां से महाविकास अघाड़ी ने जीत हासिल की, दोनों इलाकों की जांच होनी चाहिए। गलतियों को ढूंढना और सामने लाना विपक्ष का काम है, लेकिन इसे ईडी और सीबीआई के दबाव में नहीं दबाया जाना चाहिए। ऐसा होने पर लोकतंत्र कमजोर हो जाएगा।

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