Ayodhya News: अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस की बरसी 6 दिसंबर को है, और इसे ध्यान में रखते हुए मथुरा में सुरक्षा तैयारियों को अभूतपूर्व स्तर तक बढ़ा दिया गया है। जिले में शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन और पुलिस उच्च सतर्कता पर हैं। सोमवार को जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने शहर के संवेदनशील क्षेत्रों में भारी पुलिस बल के साथ फ्लैग मार्च किया और सुरक्षा इंतजामों का बारीकी से निरीक्षण किया।
जन्मभूमि परिसर में सबसे कड़ी निगरानी
मथुरा का सबसे संवेदनशील इलाका श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद परिसर माना जाता है, इसलिए यहां सुरक्षा का विशेष प्रबंध किया गया है। शहर के प्रमुख बाजारों, भीड़भाड़ वाले इलाकों और धार्मिक स्थलों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। पूरे जिले को सुरक्षा के लिहाज से कई जोन और सेक्टर में बांटा गया है, ताकि किसी भी स्थिति से तत्काल निपटा जा सके। आरएएफ, पीएसी, स्थानीय पुलिस के साथ-साथ पड़ोसी जिलों से भी अतिरिक्त फोर्स को मथुरा में तैनात किया गया है। ड्रोन कैमरों और हाई-रिज़ॉल्यूशन सीसीटीवी से लगातार निगरानी रखी जा रही है।
Ayodhya News: असामाजिक तत्वों पर होगी कार्रवाई
एसएसपी श्लोक कुमार ने फ्लैग मार्च के दौरान बताया कि इसका उद्देश्य आम जनता में सुरक्षा का विश्वास बढ़ाना और असामाजिक तत्वों को कड़ा संदेश देना है कि किसी भी प्रकार की अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पुलिस ने शहर के महत्वपूर्ण स्थानों पर बैरिकेडिंग करते हुए आवागमन पर नियंत्रण बढ़ा दिया है। संदिग्ध व्यक्तियों से कड़ी पूछताछ की जा रही है। सोशल मीडिया पर भी विशेष निगरानी रखी जा रही है। भड़काऊ पोस्ट, अफवाह फैलाने या शांति भंग करने वाली किसी भी गतिविधि पर तुरंत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने स्पष्ट कहा है कि कोई व्यक्ति या समूह कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश न करे।
अयोध्या और संभल में भी अलर्ट
हर वर्ष 6 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सुरक्षा बढ़ाई जाती है। इस बार भी अयोध्या, मथुरा, संभल सहित कई जिलों में पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है। अयोध्या में सुरक्षा चप्पे-चप्पे पर फैली हुई है, जबकि संभल में एसपी कृष्णा कुमार बिश्नोई ने बताया कि जिले में आरएएफ की एक कंपनी, पीएसी की 9 कंपनियां और अतिरिक्त आरआरएफ कर्मियों की तैनाती की गई है। 6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा ध्वस्त किया गया था, जिसके बाद यह तारीख हर साल सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील मानी जाती है। इस बार भी प्रदेश की पुलिस और प्रशासन पूरी तैयारी के साथ अलर्ट मोड पर है।
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