Blackbucks death: झारखंड के जमशेदपुर स्थित टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क से एक परेशान करने वाली खबर सामने आई है। सिर्फ 6 दिनों में रहस्यमयी बैक्टीरियल इंफेक्शन ने 10 काले हिरणों की जान ले ली। जिस पार्क में कभी काले हिरणों की दौड़-भाग दिखती थी, वहां अब डॉक्टरों और अधिकारियों की आपाधापी नजर आ रही है। पहली मौत 1 दिसंबर को हुई और इसके बाद मौतों का सिलसिला रुक नहीं पाया।
क्यों हुई काले हिरणों की लगातार मौतें?
पार्क के उप निदेशक डॉ. नईम अख्तर के मुताबिक अब तक 10 ब्लैकबक मर चुके हैं। मर चुके हिरणों को जांच के लिए रांची पशु चिकित्सा महाविद्यालय भेजा गया है। शुरुआती शक यही है कि मौतें किसी गंभीर जीवाणु संक्रमण की वजह से हुई हैं।
Blackbucks death: क्या यह पास्चरेलोसिस का मामला है?
रांची पशु चिकित्सा महाविद्यालय की सहायक प्रोफेसर डॉ. प्रज्ञा लकड़ा ने बताया कि पोस्टमॉर्टम पूरा हो चुका है। उनके अनुसार शक है कि यह रक्तस्रावी सेप्टिसीमिया (HS) है, जो पास्चरेला प्रजाति के बैक्टीरिया से होने वाली एक गंभीर बीमारी है। इसे आम भाषा में पास्चरेलोसिस कहा जाता है।
Blackbucks death: जू में अब कितने काले हिरण बचे हैं?
टाटा स्टील जू में कुल 18 काले हिरण थे। लगातार मौतों के बाद अब सिर्फ 8 हिरण ही बचे हैं। जू में पक्षियों सहित करीब 370 जानवर मौजूद हैं, इसलिए पूरे पार्क में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
पास्चरेला बैक्टीरिया कितना खतरनाक है?
Blackbucks death: रांची वेटरनरी कॉलेज के पैथोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. एमके गुप्ता के अनुसार पास्चरेला बैक्टीरिया बेहद खतरनाक होता है। यह शरीर में बहुत तेजी से फैलता है और फेफड़ों को प्रभावित कर देता है। कई मामलों में यह इतना तेजी से असर करता है कि अचानक मौत हो जाती है।
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