CCTV in Mosques: आज के समय में सीसीटीवी कैमरे सुरक्षा के नज़रिए से बेहद महत्वपूर्ण हो गए हैं। इनकी मदद से सुरक्षा, पारदर्शिता और अपराध-निरोधक व्यवस्था को मज़बूत बनाया जा सकता है। सीसीटीवी कैमरे किसी भी प्रकार की घटना की जांच और अनहोनी की रोकथाम में अहम भूमिका निभाते हैं।

CCTV in Mosques: धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा बढ़ाने को लेकर बढ़ी बहस
CCTV in Mosques: इसी को मद्देनज़र रखते हुए मेरठ लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद अरुण गोविंद ने सवाल उठाया कि जब मक्का और मदीना में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा सकते हैं, तो हमारे देश में मस्जिदों और मदरसों में कैमरे क्यों नहीं लगाए जा सकते? साथ ही कहा कि मंदिर, गुरुद्वारे, चर्च, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल के साथ लगभग सभी सार्वजनिक जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाते हैं और मस्जिद भी एक सार्वजनिक स्थान ही है।
सुरक्षा बनाम विवाद: सवालों के घेरे में प्रस्ताव
CCTV in Mosques: बता दें, 6 दिसंबर के दिन निलंबित विधायक हुमायूं कबीर द्वारा बाबरी मस्जिद निर्माण करने की घोषणा की गई, जिसे सांसद अरुण गोविंद ने प्रचार हासिल करने का तरीका बताया है। अरुण गोविंद की यह मांग अब सियासी चर्चा का केंद्र बनी हुई है। कुछ लोग इसे सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण कदम मान रहे हैं, तो कुछ इसे सिर्फ एक विवादित मुद्दा बता रहे हैं।

बीजेपी सांसद अरुण गोविंद ने मस्जिदों और मदरसों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग उठाते हुए कहा कि, “इससे हमारा राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र और अधिक मजबूत होगा। जब मक्का और मदीना में सीसीटीवी कैमरे लग सकते हैं, तो भारत की मस्जिदों और मदरसों में कैमरे क्यों नहीं लग सकते? यह सवाल सिर्फ सुरक्षा का है।”
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