DELHI ZOO: दिल्ली चिड़ियाघर में शनिवार की सुबह कुछ ऐसा हुआ कि कर्मचारियों की नींद ही उड़ गई क्योंकि इस बार बाड़ा किसी ने तोड़ा नहीं, बल्कि सियार खुद ही ‘चुपचाप बैकडोर से निकल लिए’।
आधिकारिक प्रतिक्रिया भी नहीं
राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में तैनात अधिकारियों के अनुसार, सुबह-सुबह कुछ सियार अपने बाड़े के पिछले हिस्से से ऐसे फिसले जैसे कोई गुप्त सुरंग खोज ली हो। सीधे चिड़ियाघर की सीमा से लगे घने जंगल में जाकर गायब! अब न कोई शोर, न कोई भगदड़ सिर्फ अचानक खाली बाड़ा… और स्टाफ की बढ़ी हुई धड़कनें। जू प्रशासन को कॉल और संदेश किए गए, लेकिन जैसे सियार गायब हुए, वैसे ही जवाब भी। चिड़ियाघर की तरफ से आधिकारिक प्रतिक्रिया तक नहीं, जिससे रहस्य में और मज़ा आ गया आखिर ये हुआ कैसे?
DELHI ZOO: सियार के लिए ‘खोज अभियान टीम’
अधिकारियों का कहना है कि यह मामला जितना डरावना लग रहा है, उतना है नहीं। पर्यटकों के लिए कोई खतरा नहीं है, क्योंकि सियारों ने जिस जंगल का रुख किया है, वो उनके लिए ज्यादा प्राकृतिक और खुली जगह है। फिर भी, स्टाफ ने अपनी ‘खोज अभियान टीम’ लगा दी है, जो अब पेड़ों, झाड़ियों और पगडंडियों में सियारों के निशान खोज रही है बिल्कुल फिल्मों वाली स्टाइल में।
लोगों का कहना है कि
DELHI ZOO: “दिल्ली की ट्रैफिक और प्रदूषण से परेशान होकर शायद सियारों ने भी वीकेंड पर जंगल घूमने का प्लान बना लिया!” और सोशल मीडिया पर भी सवाल उठने लगे “क्या सियारों ने भी आज़ादी का नया रास्ता खोज लिया?” “या बाड़े की इंजीनियरिंग पर दोबारा नज़र डालनी चाहिए?” जो भी हो, दिल्ली के चिड़ियाघर में शनिवार की शांति को सियारों की यह चुपके वाली छुट्टी जरूर यादगार बना गई। अब नजरें इसी पर हैं कि प्रशासन कब आधिकारिक बयान देता है… और सियार कब घर वापसी करता हैं।
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