DHARMENDRA DEOL: बॉलीवुड के ‘ही-मैन’ कहे जाने वाले धर्मेंद्र अब इस दुनिया में नहीं रहे। 89 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली है। अब तो उनके अंतिम संस्कार की भी खबर सामने आ गई है। धर्मेंद्र के निधन से न सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री, बल्कि पूरे देश में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। फिल्मों से लाखों लोगों के दिलों पर राज करने वाले धर्मेंद्र वैसे तो पंजाब से हैं, मगर बहुत कम लोगों को पता है कि राजस्थान से भी उनका एक अनोखा रिश्ता है।
आज इस पुरे ब्लॉग में हम धरम पाजी के कुछ ऐसे लम्हों पर नजर डालेंगे जो धर्मेंद को अमर कर चुके है।
जय-वीरू की जोड़ी भी टूटी
आज बॉलीवुड में एक ऐसी सदी का अंत हो गया जिस पर नाज़ उन तमाम लोगों को था, जो धर्मेंद्र की फिल्मों और उनके कुछ सीन्स को देखकर फूले नहीं समाते थे। आज चर्चा यह भी है कि ‘जय–वीरू’ की जोड़ी भी टूट गई, जिसकी दोस्ती की मिसाल लोग देते नहीं थकते थे। धर्मेंद्र फ़िल्मी जगत के वो किरदार रहे, जिनकी आवाज़ को सदियों तक याद रखा जाएगा।

जानिए DHARMENDRA DEOL: की फिल्मोग्राफी के बारे में
(1960–2025)
1960s
* दिल भी तेरा हम भी तेरे (1960)
* बंदिनी (1963)
* फूल और पत्थर (1966)
* अनुपमा (1966)
* सत्यकाम (1969)

1970s
* यादों की बारात (1973)
* शोले (1975)
* चुपके चुपके (1975)
* ड्रीम गर्ल (1977)
* धरम वीर (1977)
1980s
* राम बलराम (1980)
* हुकुमत (1987)
* एलान-ए-जंग (1988)
2010s – 2020s
* यमला पगला दीवाना (सीरीज) — 2011 से 2018
* रॉकी और रानी की प्रेम कहानी (2024)
अंतिम फिल्म
इक्कीस (2025) आखिरी फिल्म जो दिसंबर में अभी रिलीज होना है।
यह वो फ़िल्में रही जिनमें धर्मेंद्र ने जान डालकर आज खुदको अलविदा कह दिया।
DHARMENDRA DEOL: गीतों को कर गए अमर
वो दौर जब मोहब्बत खतों में लिखी जाती थी और प्यार का इज़हार गानों में किया जाता था, तब परदे पर एक मुस्कुराता चेहरा आया नाम था धर्मेंद्र। उनकी आँखों की चमक, उनकी सादगी और उनके गानों का जादू दिल में उतर जाता था। धर्मेंद्र के गाने सिर्फ सुने नहीं गए, उन्हें महसूस किया गया, जिया गया और उन पर थिरका गया जिन्हें कई पीढ़ियां याद रखेंगी। यह कहानी उन्हीं सुरों की महक की है, जो आज भी “पल पल दिल के पास” धड़कती है जिन सुरों ने थिरकना सिखाया और दोस्ती की नई परिभाषा बनाई।
वो डायलॉग्स जो आज भी लोगों की जुबा पर चढ़े हुए है
‘बसंती, इन कुत्तों के सामने मत नाचना।’
और
‘कुत्ते… कमीने, मैं तेरा खून पी जाऊंगा।’
70 के दशक में शोले फिल्म के ये डायलॉग नौजवानों की ज़ुबान पर रच-बस गए थे। ‘कुत्ते, मैं तेरा खून पी जाऊंगा’ धर्मवीर फिल्म का यह डायलॉग भी खूब हिट हुआ। फिल्म कातिलों के कातिल का वो डायलॉग हम वो मर्द हैं, जो मौत का स्वागत मेहमान की तरह करते हैं’ जब धर्मेंद्र बोलते थे, तो सिनेमा हॉल तालियों से गूंज उठता था। धर्मेंद्र के डायलॉग्स में जोश, रोमांस और देसी तेवर कूट-कूटकर भरे होते थे।
DHARMENDRA DEOL: बीजेपी से रहे सांसद
फिल्मों के अलावा धर्मेंद्र ने राजस्थान के बीकानेर से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। बीकानेर सीट से वह भारतीय जनता पार्टी के सांसद रह चुके हैं। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को भारी मतों से हराया था। हालांकि, इसके बाद धर्मेंद्र ने सियासत से दूरी बना ली और फिर कभी चुनाव नहीं लड़ा।

सोशल मीडिया पर उठा नम आखों का सैलाब
आज सोशल मीडिया पर नम आंखों से लोग धर्मेंद्र को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। हर तरफ लोग वही गाने गुनगुना रहे हैं जिन पर कभी धर्मेंद्र थिरके थे। उनके डायलॉग्स भी लोग दोहरा रहे हैं, जिन्हें धर्मेंद्र ने हमेशा के लिए अमर कर दिया है।

अलविदा धर्मेंद्र देओल
पंजाब के एक छोटे कस्बे से स्कूल के हेडमास्टर का लड़का यूँ चमक उठेगा और उसकी चमक कभी कम नहीं होगी यह शायद खुद धर्मेंद्र ने भी कभी नहीं सोचा होगा। एक बार दिलीप कुमार ने एक इंटरव्यू में कहा था, “मुझे भगवान से यह शिकायत जरूर रहेगी कि उन्होंने मुझे धरम की तरह खूबसूरत क्यों नहीं बनाया।” और आज वही धर्मेंद्र खुद भगवान के पास चले गए। इस मौके पर खबर इण्डिया का पूरा परिवार धर्मेंद्र तुम्हे नम आखों से विदा दे रह है। धर्मेंद्र आप लीजेंड थे और लीजेंड कभी मरता नहीं। कभी अलविदा न कहना।







