DSP Rishikant Shukla: उत्तर प्रदेश पुलिस के DSP ऋषिकांत शुक्ला विभाग के साथ-साथ आम जनता के बीच कुछ दिनों से चर्चा का विषय बने हुए है। जिसके पीछे की वजह है कानपुर नगर पुलिस आयुक्त की वो रिपोर्ट जिसके आधार पर एसआईटी जांच में उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से कहीं अधिक बेनामी संपत्ति का खुलासा हुआ। जांच में सामने आया कि उनके और उनके परिवार के नाम दर्ज संपत्तियों की कुल कीमत लगभग 100 से 300 करोड़ रुपये के बीच है। इस खुलासे के बाद प्रशासन ने उन्हें निलंबित कर दिया।
पहले जानें कौन है ऋषिकांत शुक्ला?
DSP Rishikant Shukla: ऋषिकांत शुक्ला मूल रूप से उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के निवासी हैं। उनका जन्म 7 जुलाई 1968 को हुआ था। उन्होंने केवल BA तक की शिक्षा प्राप्त की है। यूपी पुलिस की आधिकारिक जानकारी के अनुसार, उन्होंने 23 अप्रैल 2022 को डीएसपी के पद पर भर्ती ली थी। 31 जुलाई 2025 को उनकी नियुक्ति मैनपुरी में की गई। जांच पूरी होने तक उन्हें निलंबित कर दिया गया है।

एसआईटी की जांच में क्या पता चला?
DSP Rishikant Shukla: एसआईटी जांच पता चला कि डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला ने अपनी सेवाकाल के बीच खासकर कानपुर नगर में तैनाती के वक्त बड़े पैमाने पर अवैध संपत्ति हासिल की। आपको बता दें कि ऋषिकांत शुक्ला वर्ष 1998 से 2006 तक और फिर दिसंबर 2006 से 2009 तक कानपुर नगर में उपनिरीक्षक (सब-इंस्पेक्टर) के पद पर तैनात रहे थे। इस बीच शुक्ला ने अपने परिवार, साझेदारों और करीबी सहयोगियों के नाम पर लगभग 100 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की। उनकी बेनामी संपत्तियों में आर्यनगर स्थित 11 दुकानें भी शामिल हैं। पुलिस आयुक्त द्वारा शासन को भेजी गई रिपोर्ट में अखिलेश दुबे नामक एक व्यक्ति का भी ज़िक्र किया गया है। जिसके साथ शुक्ला की काफी नजदीकी थी। अखिलेश दुबे शहर में एक गिरोह चलाता है। जो फर्जी मुकदमे दर्ज कराने, जबरन वसूली और जमीन कब्जाने जैसे अपराधों में शामिल है।
यहीं नहीं मामले की जांच में 12 संपत्तियों की बाज़ार कीमत लगभग 92 करोड़ रुपये आंकी गई है। बाकि संपत्तियों के अभिलेख अभी उपलब्ध नहीं हो पाए है। जांच में सामने आया कि ऋषिकांत शुक्ला की घोषित आय के स्रोतों से इतनी बड़ी संपत्ति का अर्जन संभव नहीं है।
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