देश के चर्चित उद्योगपति और रिलायंस एडीए ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के रडार पर हैं। एजेंसी ने उन्हें 14 नवंबर को पेश होने के लिए समन भेजा है। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई कथित बैंक लोन धोखाधड़ी और धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) से जुड़े मामले में की गई है।
सूत्रों के मुताबिक, ईडी इस मामले में अनिल अंबानी से दूसरी बार पूछताछ करने जा रही है। इससे पहले अगस्त 2024 में भी उनसे सवाल-जवाब किए गए थे। इस बार जांच अधिकारी उनसे यह जानना चाहते हैं कि बैंक से लिए गए भारी-भरकम कर्ज का इस्तेमाल कहां और कैसे किया गयाऔर किन कंपनियों के जरिए यह पैसा आगे बढ़ाया गया।
7500 करोड़ की संपत्ति कुर्क
ईडी ने हाल ही में अंबानी समूह की कई कंपनियों की लगभग 7,500 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। एजेंसी का दावा है कि यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत की गई है। यह कार्रवाई सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर की गई, जिसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी, 406 और 420 समेत भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1989 की धाराएं शामिल हैं।
ED attaches Reliance Anil Ambani Group land worth Rs 4,462 cr in Navi Mumbai under PMLA; total seizures over Rs 7,500 Cr
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— ANI Digital (@ani_digital) November 3, 2025
ईडी का कहना है कि इस केस में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) से जुड़े एक बड़े कर्ज घोटाले की जांच चल रही है, जिसमें रिलायंस समूह की कुछ कंपनियों के नाम सामने आए हैं।
कंपनी ने दी ये सफाई
रिलायंस समूह की ओर से इस कार्रवाई पर आधिकारिक बयान भी जारी किया है। समूह की सूचीबद्ध कंपनियों ने स्टॉक एक्सचेंज को जानकारी देते हुए कहा कि ईडी द्वारा कुर्क की गई ज्यादातर संपत्तियां रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) की हैं। कंपनी का कहना है कि फिलहाल रिलायंस कम्युनिकेशंस रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (RP) और एसबीआई की अगुवाई वाली क्रेडिटर्स कमेटी (CoC) के नियंत्रण में है। यानी यह संपत्तियां कंपनी या अनिल अंबानी के सीधे नियंत्रण में नहीं हैं।
जानें क्या है मामला?
मामले की जड़ में कथित बैंक लोन फ्रॉड है। जांच एजेंसियों को शक है कि अंबानी समूह की कुछ कंपनियों ने बैंकों से लिए गए लोन का इस्तेमाल तय नियमों के मुताबिक नहीं किया। इस वजह से ईडी ने धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत जांच शुरू की। सूत्र बताते हैं कि ईडी अब यह पता लगाने में जुटी है कि लोन की रकम किन कंपनियों में ट्रांसफर हुई और उससे किसी तरह की बेनामी संपत्ति खरीदी गई है या नहीं।
पहले भी हो चुकी है पूछताछ
यह पहला मौका नहीं है जब अनिल अंबानी से ईडी पूछताछ करने जा रही है। अगस्त में हुई पहली पूछताछ के दौरान भी उनसे कई वित्तीय दस्तावेज मांगे गए थे। अब उम्मीद है कि 14 नवंबर को एजेंसी उनसे और गहराई से सवाल करेगी।
फिलहाल, अनिल अंबानी या उनकी कंपनी की तरफ से इस नए समन पर कोई बयान नहीं आया है।







