Imran Khan: पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की हालत को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। अदियाला जेल में बंद इमरान खान से पिछले तीन हफ्तों से परिवार की कोई मुलाक़ात नहीं हो पा रही, जिसके कारण लोग अंदाज़ा लगा रहे हैं कि उनकी सेहत ठीक नहीं है या सरकार कुछ छिपा रही है। अफगानिस्तान की मीडिया भी लगातार यह कह रही है कि इमरान खान की “वास्तविक स्थिति” जनता से छुपाई जा रही है।
21 दिनों से जाने नहीं दिया अंदर
इमरान खान की बहनों ने बताया कि उन्हें जेल प्रशासन ने लगातार 21 दिनों से अंदर जाने नहीं दिया, जबकि कोर्ट ने साफ़ आदेश दिया था कि परिवार मुलाक़ात कर सकता है। न कोई मेडिकल रिपोर्ट साझा की जा रही है, न किसी वकील को मिलने दिया जा रहा है। इसी वजह से PTI समर्थक और पूरा परिवार परेशान है और सवाल उठा रहा है कि आखिर ऐसा क्या है जिसे जनता से छुपाया जा रहा है। इमरान खान की बहनों अलीमा खान, डॉ. उज़मा खान और नोरीन खान ने पिछले हफ़्ते जेल के बाहर धरना देकर मुलाक़ात की माँग की। वे सिर्फ जमीन पर बैठकर अपने भाई से मिलने की अनुमति मांग रही थीं, लेकिन अचानक पुलिस ने उन पर कार्रवाई शुरू कर दी। गवाहों का कहना है कि पुलिस ने न सिर्फ उन्हें धक्का-मुक्की की बल्कि सड़क पर घसीटा, मारपीट जैसी बदसलूकी की और फिर जबरन हिरासत में ले गई। खबरों के मुताबिक अलीमा खान को तो कोर्ट से बाहर निकलते ही तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। बहनों ने के IG डॉ. उस्मान अनवर के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई है। उनका कहना है कि उन्हें सिर्फ इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि उन्होंने इमरान खान की हालत पर सवाल उठाए।
Imran Khan: मामला बनता जा रहा रहस्यमय
इमरान खान से 21 दिन से कोई मुलाक़ात नहीं, न कोई मेडिकल अपडेट, न वकीलों को अंदर जाने की इजाज़त। ऊपर से उनकी बहनों के साथ हुई बदसलूकी ने पूरे मामले को और उलझा दिया है। पाकिस्तान की जनता, सोशल मीडिया और PTI समर्थक पूछ रहे हैं कि अगर इमरान खान बिल्कुल ठीक हैं, तो फिर सरकार और जेल प्रशासन परिवार को मिलने क्यों नहीं दे रहा? मीडिया भी कह रही है कि इमरान खान को जानबूझकर अलग-थलग रखा जा रहा है और उनकी असली हालत छुपाई जा रही है। सरकार की चुप्पी, पुलिस की कार्रवाई, परिवार की बेबसी और मुलाक़ात पर लगातार रोक इन सबने पूरे पाकिस्तान में बेचैनी बढ़ा दी है। लोग यह सवाल उठाने लगे हैं कि कहीं जेल के अंदर ऐसा कुछ तो नहीं हो रहा जिसे बाहर आने से रोका जा रहा हो।
लेखक: निशी शर्मा







