India-UK trade: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा है कि भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) से मिलने वाले अवसर “अद्वितीय” हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद स्टार्मर की यह पहली भारत यात्रा है। वे ब्रिटेन के लगभग 125 शीर्ष व्यापारिक नेताओं, उद्यमियों और विश्वविद्यालय प्रमुखों के प्रतिनिधिमंडल के साथ दो दिवसीय यात्रा पर मुंबई पहुंचे हैं। प्रतिनिधिमंडल में रोल्स रॉयस, ब्रिटिश टेलीकॉम, डियाजियो, लंदन स्टॉक एक्सचेंज और ब्रिटिश एयरवेज जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। प्रधानमंत्री स्टार्मर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को विस्तृत वार्ता करेंगे, जिसमें दोनों देश अपने द्विपक्षीय संबंधों को और मज़बूत और व्यापक बनाने के उपायों पर चर्चा करेंगे।
भारत के साथ एफटीए को आगे बढ़ाने पर जोर
India-UK trade: ब्रिटिश सरकार ने कहा है कि प्रधानमंत्री स्टार्मर भारत-यूके व्यापार समझौते से मिली गति को बनाए रखना चाहते हैं। इस समझौते से ब्रिटिश कंपनियों को दुनिया की सबसे तेज़ी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक भारत में कारोबार विस्तार का अवसर मिलेगा।जुलाई में दोनों देशों के बीच हुए ऐतिहासिक एफटीए के बाद भारत में ब्रिटिश वस्तुओं पर टैरिफ (आयात शुल्क) में उल्लेखनीय कमी आई है। इससे ब्रिटिश कारोबारियों के लिए भारतीय बाज़ार में अपने उत्पादों की बिक्री और निवेश को नई दिशा मिलेगी।
#WATCH | Mumbai: In a joint statement with PM Modi, UK PM Keir Starmer says, “PM Modi, it was an honour for me to host you in the UK in July and I am so delighted to be making this return visit, just a few months later…”
(Video: ANI/DD News) pic.twitter.com/qO2TsFDz0A
— ANI (@ANI) October 9, 2025
ब्रिटेन के लिए भारत के साथ समझौता सबसे अहम: पीटर काइल
India-UK trade: ब्रिटिश व्यापार मंत्री पीटर काइल ने कहा कि भारत के साथ व्यापार बढ़ाने की हमारी महत्वाकांक्षा की कोई सीमा नहीं है। उन्होंने बताया कि मात्र एक वर्ष में हम बातचीत की पुनः शुरुआत से लेकर 125 प्रमुख व्यापारिक हस्तियों को भारत की व्यावसायिक राजधानी तक लाने में सफल हुए हैं।काइल के अनुसार, यह समझौता किसी भी देश द्वारा भारत के साथ किया गया सबसे प्रभावशाली व्यापारिक समझौता है, जो ब्रिटिश कंपनियों को तेजी से बढ़ते भारतीय बाजार तक अग्रणी पहुंच प्रदान करता है।उन्होंने कहा कि अब हमारा ध्यान व्यवहारिक स्तर पर कार्यान्वयन पर है ताकि ब्रिटिश व्यवसाय इस समझौते से मिलने वाले अवसरों का पूरा लाभ उठा सकें, जिससे ब्रिटेन में रोज़गार, विकास और आर्थिक समृद्धि को बल मिले।
ब्रिटिश उत्पादों पर टैरिफ में भारी कमी
India-UK trade: जारी बयान के अनुसार, भारत ब्रिटिश उत्पादों पर औसत टैरिफ को 15% से घटाकर 3% कर देगा। इसका सीधा लाभ उन ब्रिटिश कंपनियों को मिलेगा जो भारत में सॉफ्ट ड्रिंक्स, कॉस्मेटिक्स, कारें और चिकित्सा उपकरण जैसी वस्तुएं बेचती हैं।सबसे बड़ा फायदा व्हिस्की उत्पादकों को होगा, क्योंकि आयात शुल्क 150% से घटाकर 75% कर दिया गया है। अगले 10 वर्षों में यह शुल्क और घटकर 40% तक लाया जाएगा, जिससे ब्रिटिश उत्पादों को अन्य देशों के मुकाबले प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिलेगी।

“यह समझौता सिर्फ दस्तावेज़ नहीं, विकास का लॉन्चपैड है”: स्टार्मर
India-UK trade: प्रधानमंत्री स्टार्मर ने कहा कि जुलाई में हस्ताक्षरित भारत-यूके व्यापार समझौता “सिर्फ एक कागज़ नहीं, बल्कि विकास की नई उड़ान का लॉन्चपैड है।”उन्होंने कहा कि भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। ऐसे में भारत के साथ व्यापार न केवल तेज़ और सस्ता होगा, बल्कि यह ब्रिटेन के लिए अवसरों के नए द्वार खोलेगा। स्टार्मर ने कहा कि भारत में हो रहा विकास ब्रिटेन के लोगों के लिए बेहतर विकल्प, स्थिरता और नई नौकरियों का प्रतीक है।
ऐतिहासिक समझौते के बाद नई शुरुआत
India-UK trade: ब्रिटिश प्रधानमंत्री की यह भारत यात्रा उस समय हो रही है जब दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक एफटीए पर हस्ताक्षर हुए मात्र ढाई महीने ही हुए हैं। इस समझौते से बाज़ार पहुंच बढ़ेगी, टैरिफ घटेंगे और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2030 तक दोगुना होने की उम्मीद है।यह ऐतिहासिक समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जुलाई में हुई लंदन यात्रा के दौरान अंतिम रूप दिया गया था, जिसने भारत-यूके आर्थिक साझेदारी को एक नए युग में प्रवेश कराया है।
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