Indigo Crisis 2025: इंडिगो एयरलाइन में लगातार बढ़ते परिचालन संकट के बीच सरकार अब कड़ा रुख अपनाती दिख रही है। रविवार को भी बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द रहीं और देशभर के प्रमुख हवाई अड्डों पर संचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ। इसी बीच, डीजीसीए ने इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स समेत शीर्ष अधिकारियों को “कारण बताओ” नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर जवाब देने को कहा है।

Indigo Crisis 2025: सीईओ को 24 घंटे में जवाब का आदेश
Indigo Crisis 2025: भारत के सबसे बड़े विमानन परिवहन नेटवर्क में आई इस गड़बड़ी के चलते रविवार को 650 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। बीते छह दिनों में यह संख्या लगभग 3,000 तक पहुंच गई है, जिससे लाखों यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। डीजीसीए द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि इंडिगो की परिचालन योजना में गंभीर खामियां दिखाई देती हैं। नए एफडीटीएल (Flight Duty Time Limitations) नियमों को लागू करने के लिए उचित तैयारियां नहीं की गईं, जिसके कारण इतने बड़े पैमाने पर संकट खड़ा हुआ।
FDTL नियमों की तैयारी में कमी से गहराया संकट
Indigo Crisis 2025: शनिवार को नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और इंडिगो के सीईओ के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में एयरलाइन को तय समय सीमा में नए एफडीटीएल नियमों को पूरी तरह लागू करने का निर्देश दिया गया। रविवार को इंडिगो अपनी सामान्य 2,300 उड़ानों में से सिर्फ 1,650 उड़ानें ही संचालित कर पाई। शुक्रवार को लगभग 1,600 उड़ानें रद्द हुई थीं, वहीं शनिवार को यह संख्या घटकर करीब 800 रह गई थी।
रिफंड और लगेज लौटाने के सख्त निर्देश
Indigo Crisis 2025: सरकार ने इंडिगो को स्पष्ट निर्देश दिया है कि 7 दिसंबर रात 8 बजे तक सभी प्रभावित यात्रियों को रिफंड जारी किया जाए। साथ ही, 48 घंटे के भीतर यात्रियों का सामान उनके पास पहुंचाने का आदेश दिया गया है। इंडिगो संकट के बीच अन्य एयरलाइंस द्वारा टिकट किराए में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली, जिसके बाद सरकार ने दखल देते हुए किराए पर नियंत्रण लागू किया और अधिक राशि वसूलने वाली एयरलाइंस पर कार्रवाई की चेतावनी दी है। यह संकट न केवल इंडिगो के संचालन पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि देश के विमानन ढांचे में अचानक से आए दबाव को भी उजागर करता है।
Written By- Anurag Vishwakarma
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