Kurukshetra: गुरुकुल कुरुक्षेत्र ने एक बार फिर अपनी शैक्षणिक उत्कृष्टता का लोहा मनवाया। इस बार संस्थान के 54 छात्रों ने यूपीएससी की एनडीए लिखित परीक्षा में सफलता हासिल कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस शानदार उपलब्धि के जश्न में गुरुकुल परिसर में भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों, शिक्षकों और प्रबंधन ने मिलकर अपनी खुशी साझा की।
सफलता का उत्सव
Kurukshetra: कार्यक्रम की शुरुआत ढोल-नगाड़ों और उत्साहपूर्ण माहौल में हुई। सफल छात्रों का स्वागत फूल मालाओं और मिठाइयों से किया गया। पूरे परिसर में उल्लास का वातावरण था। छात्र भी अपनी खुशी को नृत्य और गीत-संगीत के जरिए व्यक्त करते नजर आए।
राज्यपाल ने दी शुभकामनाएं
Kurukshetra: गुरुकुल के संरक्षक एवं गुजरात व महाराष्ट्र के महामहिम राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी ने अपने संदेश में छात्रों और संपूर्ण गुरुकुल परिवार को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि न केवल संस्थान के लिए, बल्कि पूरे समाज और राष्ट्र के लिए गर्व का विषय है।
प्रबंधन और गुरुजनों का सम्मान
Kurukshetra: समारोह में प्रधान राजकुमार गर्ग, निदेशक ब्रिगेडियर डॉ. प्रवीण कुमार शर्मा, प्राचार्य सुबे प्रताप सहित सभी अध्यापकों और गुरुजनों ने सफल छात्रों का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि यह सफलता गुरुकुल की अनुशासन और शिक्षा पद्धति का जीवंत उदाहरण है।
छात्रों को मिला प्रेरणादायी संदेश
Kurukshetra: निदेशक ब्रिगेडियर डॉ. प्रवीण कुमार शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा, “यह केवल एक परीक्षा पास करना नहीं है, बल्कि आपकी मेहनत, दृढ़ता और अनुशासन का प्रतीक है। असली सफलता तब होगी जब आप भविष्य में ईमानदारी और समर्पण के साथ राष्ट्र की सेवा करेंगे।” उन्होंने छात्रों को ऊँचे लक्ष्य निर्धारित करने, विनम्र बने रहने और अपने अनुभवों को दूसरों के साथ साझा करने की प्रेरणा दी।
उपलब्धि के पीछे का प्रयास
Kurukshetra: गुरुकुल प्रशासन ने बताया कि इस ऐतिहासिक सफलता के पीछे निरंतर अभ्यास, विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम और शिक्षकों का समर्पित मार्गदर्शन रहा है। संस्थान ने छात्रों की तैयारी के लिए अलग-अलग मॉडल टेस्ट, अनुशासनात्मक दिनचर्या और प्रतियोगी परीक्षाओं के अनुरूप कक्षाओं का आयोजन किया था।
गौरव और संकल्प का क्षण
Kurukshetra: समारोह का समापन गर्व और उल्लास के साथ हुआ। गुरुकुल परिवार ने देश के भावी अधिकारियों को तैयार करने की दिशा में और अधिक मेहनत करने का संकल्प लिया। इस सफलता ने साबित किया कि समर्पण, अनुशासन और सही दिशा में किया गया प्रयास किसी भी लक्ष्य को संभव बना सकता है।
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