Mohan Bhagwat: लखनऊ।राजधानी लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में रविवार को दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव के मंच पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साथ उपस्थित होकर भारत की आध्यात्मिक विरासत और धर्म की रक्षा का मजबूत संदेश दिया। कार्यक्रम का आयोजन ‘जीओ गीता परिवार’ की ओर से किया गया, जिसका उद्देश्य है– हर व्यक्ति गीता को पढ़े, समझे और जीवन में धारण करे।
भारत कभी विश्वगुरु था, फिर से बनेगा – भागवत
मोहन भागवत ने अपने संबोधन में इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत एक समय विश्वगुरु और दुनिया का सहारा था। उन्होंने कहा- हमारे धार्मिक स्थलों को नष्ट किया गया, जबरन धर्मांतरण हुए, फिर भी भारत अपनी आत्मा के साथ खड़ा रहा। भागवत ने कहा कि संघर्ष के कठिन दौर के बाद अब हम राममंदिर पर झंडा फहराने जा रहे हैं। उन्होंने गीता को विश्व शांति का मूल आधार बताया और कहा कि धर्म रक्षा के लिए भारत को हमेशा तैयार रहना चाहिए।

Mohan Bhagwat: RSS विदेशी फंडिंग से नहीं, समाज के सहयोग से चलता है- योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संघ की कार्यप्रणाली पर चर्चा करते हुए कहा कि विदेशी नेता और अधिकारी अक्सर पूछते हैं कि RSS कैसे चलता है। योगी ने कहा- RSS सामाजिक सहयोग से चलता है, किसी विदेशी फंडिंग से नहीं। उन्होंने आगे कहा कि अपने धर्म से न भटकना और धर्म के लिए संघर्ष करना ही सच्चा कर्तव्य है। भारत की पूरी भूमि को योगी ने ‘धर्मक्षेत्र’ बताते हुए कहा कि यहां युद्ध भी कर्तव्य और धर्म के लिए लड़े जाते हैं।
गीता के मार्ग से राष्ट्र उत्थान- भागवत के तीन प्रमुख संदेश
1.दुनिया आज मोहग्रस्त-धर्म धारण करें
भागवत ने अर्जुन के मोह का उदाहरण देकर कहा कि कठिन परिस्थितियों में भी पुरुषार्थ बनाए रखने से भाग्य साथ देता है।
2.असमंजस में दुनिया-गीता ही सही दिशा
उन्होंने कहा कि आज विश्व भ्रम की स्थिति में है। समस्याओं से भागें नहीं, आंख मिलाकर सामना करें। उन्होंने 700 श्लोकों के प्रतिदिन पाठ से जीवन में शांति व संतोष का संदेश दिया।
3.गीता का मार्ग भारत को फिर विश्वगुरु बनाएगा
भागवत बोले- धर्म, शांति और सौहार्द हमारी परंपरा की पहचान है। गीता राष्ट्रीय उत्थान का मार्ग है।

Mohan Bhagwat: दीप प्रज्वलन से हुई शुरुआत, गीता की प्रतियां भेंट
कार्यक्रम की शुरुआत दीप जलाकर की गई, इसके बाद श्रीमद्भागवत गीता की पूजा हुई। ज्ञानानंद महाराज ने भागवत और योगी को गीता की प्रति भेंट की और मंच से गीता को जीवन का हिस्सा बनाने का आह्वान किया गया। राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के साथ समारोह में सांस्कृतिक एकता का संदेश प्रतिध्वनित हुआ।
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