NDAA 2026 India US: अमेरिका के नवीनतम राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम (NDAA 2026) में भारत को इंडो–प्रशांत क्षेत्र और नागरिक परमाणु नीति में अहम साझेदार का दर्जा दिया गया है। नए विधेयक के अनुसार अमेरिका भारत के साथ परमाणु दायित्व नीति पर नियमित बातचीत करेगा और उसे उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में रखेगा जो चीन की बढ़ती चुनौती का जवाब देने के लिए नई सुरक्षा व्यवस्था तैयार कर रहे हैं।
भारत और अमेरिका मिलकर संयुक्त परामर्श तंत्र बनाएंगे
NDAA में एक प्रमुख प्रावधान के तहत भारत और अमेरिका मिलकर संयुक्त परामर्श तंत्र बनाएंगे। यह तंत्र 2008 के नागरिक परमाणु समझौते की प्रगति की समीक्षा करेगा। भारत के परमाणु दायित्व नियमों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप लाने पर भी चर्चा होगी। अमेरिका को अगले 5 वर्षों तक हर वर्ष इस समीक्षा की रिपोर्ट कांग्रेस को सौंपनी होगी।
NDAA 2026 India US: भारत को ‘ग्लोबल न्यूक्लियर पार्टनर’ का दर्जा
विधेयक में भारत को वैश्विक नागरिक परमाणु सहयोग में “सहयोगी देश” की श्रेणी में जोड़ा गया है। साथ ही, बिल यह भी निर्देश देता है कि अमेरिका: अपने परमाणु निर्यात को बढ़ाने के लिए 10-वर्षीय रणनीति बनाए । रूस और चीन से बढ़ती प्रतिस्पर्धा का विश्लेषण करे।
NDAA 2026 India US: इंडो–प्रशांत साझेदारों की सूची में भारत सबसे आगे
NDAA में भारत को ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड और फिलीपींस के साथ इंडो–प्रशांत के शीर्ष साझेदार देशों में शामिल किया गया है। इन देशों के साथ मिलकर सहयोग बढ़ाया जाएगा: रक्षा सह-उत्पादन, आपूर्ति श्रृंखला, उन्नत रक्षा तकनीक,समुद्री सुरक्षा अमेरिकी रक्षा मंत्री को भारत के साथ संयुक्त उत्पादन, विशेषज्ञ सहायता और उद्योग–अकादमिक सहयोग बढ़ाने के विशेष अधिकार दिए गए हैं।
भारत–अमेरिका साझेदारी होगी और मजबूत
अमेरिकी संसद ने निर्देश दिया है कि अमेरिका: भारत के साथ क्वाड सहयोग और सैन्य अभ्यासों को मजबूत करे। इंडो–प्रशांत को मुक्त और खुला क्षेत्र बनाए रखने के लिए साझेदारी बढ़ाए और चीन के प्रभाव को संतुलित करने के लिए अपनी क्षेत्रीय उपस्थिति को बढ़ाए,साथ ही, भारतीय महासागर क्षेत्र के लिए एक विशेष अमेरिकी राजदूत नियुक्त करने की भी मंजूरी दी गई है।
इन सभी कदमों से स्पष्ट है कि अमेरिका की नजर में भारत अब सिर्फ क्षेत्रीय रणनीतियों का लाभार्थी नहीं, बल्कि एक निर्णायक और प्रमुख रणनीतिक साझेदार बन चुका है। पिछले कुछ वर्षों में भारत–अमेरिका रक्षा संबंधों ने उल्लेखनीय मजबूती हासिल की है।
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