Parliament Winter Session: देश में एसआईआर विवाद अभी थमा नहीं था कि केंद्र सरकार द्वारा मोबाइल फोन निर्माताओं को जारी किए गए नए निर्देशों ने एक बार फिर सियासी तापमान बढ़ा दिया है। अब ‘संचार साथी’ ऐप को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए जोरदार हंगामा किया। विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार तकनीक के नाम पर नागरिकों की निजता में हस्तक्षेप कर रही है, जबकि सरकार का कहना है कि ये निर्देश सुरक्षा और उपभोक्ता संरक्षण के लिए आवश्यक हैं। इस बीच केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधि ने पत्रकारों से बात कर साफ कहा कि संचार साथी ऐप को अपने मोबाइल फोन में रखना अनिवार्य नहीं है।
120 दिनों में जमा करनी होगी विस्तृत अनुपालन रिपोर्ट
केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि संचार साथी ऐप ऑप्शनल है, अगर कोई चाहे, तो इसे अपने मोबाइल फोन से हटा भी सकता है। इसके जरिए न कोई स्नूपिंग होगा ना कॉल मॉनिटरिंग। विपक्ष बेवजह इसे बड़ा मुद्दा बना रहा है। दूरसंचार विभाग ने मोबाइल हैंडसेट विनिर्माताओं और आयातकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि सभी नये मोबाइल उपकरणों में धोखाधड़ी की सूचना देने वाला ऐप ‘संचार साथी’ पहले से मौजूद होना चाहिए। भारत सरकार के मुताबिक, व्हाट्सएप, टेलीग्राम आदि जैसे सभी मैसेजिंग ऐप्स अब हमेशा यूजर के डिवाइस में सक्रिय सिम कार्ड से लगातार लिंक रहेंगे। सभी प्लेटफॉर्म्स को 90 दिनों में इन नियमों का अनुपालन करना होगा और 120 दिनों में विस्तृत अनुपालन रिपोर्ट जमा करनी होगी।
Delhi: On the Sanchar Saathi app row, Union Minister Jyotiraditya Scindia says, “Today, nearly 2 crore fraudulent mobile connections have been disconnected through public participation… On one hand, telecommunications have connected every corner of the country. On the other… pic.twitter.com/L8lBnPzeAz
— IANS (@ians_india) December 2, 2025
Parliament Winter Session: यूजर्स ऐप के जरिए कर सकते है सुरक्षा
आगे विपक्ष पर तंज कसते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ‘विपक्ष मुद्दा तलाशना चाहता है, तो उसकी मदद हम नहीं कर सकते हैं। हमारी जिम्मेदारी यूसर्ज की मदद करने की, हमारी जिम्मेदारी है यूजर्स की सुरक्षा देखने की। संचार साथी ऐप के जरिए यूजर्स अपनी सुरक्षा खुद कर पाता है। ये एक जनभागीदारी है। लोगों को इसका विरोध नहीं, बल्कि स्वागत करना चाहिए. इस ऐप के जरिए आप ये पता लगा सकते हैं कि आप जो मोबाइल फोन खरीद रहे हैं, उसका IMEI नंबर असली है या नहीं।
फ्रॉड पर लगाम लगाने के लिए लाया गया ऐप
बातचीत के दौरान सिंधिया ने ये भी बताया कि अब तक संचार साथी पोटर्ल के 20 करोड़ डाउनलोड हुए हैं। ऐप के डेढ़ करोड़ से ज्यादा डाउनलोड हुए हैं। ये सफल इसलिए हुआ है, क्योंकि देश का हर नागरिक इस अभियान का साथी बनना चाहता है। आज तक 1.75 फ्रॉड मोबाइल कनेक्शन इस ऐप के जरिए ही बंद किये गए हैं। 30 लाख चोरी हुए फोन की शिकायत इस पर दर्ज की गई। जिसमें से 7.5 लाख फोन लोगों को वापस दिए गए है। कई ऐसी शक्तियां हैं, जो दूरसंचार का लगत इस्तेमाल कर लोगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उनके साथ फ्रॉड कर रहे हैं। इन लोगों पर लगाम लगाने के लिए ही ये ऐप लाया गया है।







