Putin India Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्टपति ब्लादिमीर पुतिन का बड़ी गर्मजोशी से स्वागत किया। सारे प्रोटोकाल तोड़कर मेहमान पुतिन को खुश करने की कोशिश की, भारत की मेहमाननवाजी का यह भरपूर पर्दशन है। पुतिन का यह प्रवास भारत में 27 घंटे का है। पुतिन ऐसे समय में भारत आये, जब विश्व में दो युद्ध इजराइल का गाजा पर और स्वयं रूस का यूक्रेन पर युद्ध का खुमार चढ़ा हुआ है। इससे अंतर्राष्टीय राजनीति करबट ले रही है। अमेरिका कोशिश कर रहा है कि रूस को शांति समझौते के लिए राजी किया जाए। पुतिन इस तनाव की स्थिति में भारत में है। भारत ने ऐसी परिस्थिति में रूस का साथ दिया। साथ देने का मतलब यह है कि जब अमेरिका ने रूस पर दबाव डाला, सैंक्शन लगाए, रूस के विरुद्ध यूरोपियन यूनियन को खड़ा किया, यूक्रेन को नाटो संगठन में लेने की कोशिश की, इस परिस्थिति में भारत ने एक मित्र देश के तौर पर रूस के तेल व्यापार को चालू रखा, यहां तक कि यूरोपियन देशों को रूस का खनिज तेल पहुंचाया। कहने का मतलब यह है कि रूस की विकट परिस्थितियों में साथ दिया।
रूस के साथ खड़ा भारत
भारत का रूस के साथ खड़ा रहना राष्टपति पुतिन को यह महसूस कराता है कि भारत अपनी स्वतंत्र विदेश नीति से हटा नहीं; किसी बाहरी शक्ति के दबाव में भी नहीं। इन्हीं प्रसंगों को याद करें, तो लगता है पुतिन का मन पूरी तरह से भारत की दोस्ती का मान करता है। पुतिन तेल का व्यापार भी डालर की करंसी से हटकर भारत के साथ रूबल में कर रहा है। यह भी भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का तरीका है, जब अमेरिेका डालर की कीमत को रुपये के साथ बढ़ाये जा रहा है। रूस की दोस्ती भारत के साथ बहुत पुरानी है। राष्टपति पुतिन इसी दोस्ती की परंपरा में भारत आये हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो कार्यकालों में भारत में पुतिन का आना, यह बताता है कि भारत के साथ पुतिन भावनात्मक ढ़ंग से भी जुड़े हैं। इसी प्रसंग में देखें कि पुतिन ने भारत आने से पूर्व भारतीय मीडिया को एक घंटे से भी ज्यादा का साक्षात्कार दिया। ऐसा बिरला ही हुआ हो, जब विश्व का एक बड़ा नेता इतने लंबे समय का साक्षात्कार किसी को दे। पुतिन का पहला दौरा मोदी जी के कार्यकाल दिसंबर,2021 में हुआ था। यहां से जाने के बाद ही दो महीने के भीतर यूक्रेन युद्ध की शुरुआत हुई, इसे संयोग ही माने। आज पुतिन हमारे बीच हैं, वह अपनी कैबनेट के कई साथियों के साथ आये हैं। लगता है बहुत सारे मसलों पर बात होगी और करार भी साइन किये जाएंगे।
Putin India Visit: कई अहंम समझौतों पर हस्ताक्षर
रूस ने भारत में बहुत सारे इंफ्रास्टक्चर को बनवाने में सहायताएं करी हैं। जैसे भारत का बीएचएल कारखाने में पूरी रूस की मदद रही, इस कारखाने ने देश की आत्मनिर्भरता के लिए पावर प्लांटसों के लिए भारी-भारी मशीनों का निर्माण किया, इसके साथ ही बाहर भी निर्यात करने में सक्षम है। हिंदुस्तान एरोनेटिक्स लिमिटेड यानी एचएएल कारखाने को खोलने में रूस की ही सहायता रही है। आज भारत अपने ही यहां हवाई जहाजों के निर्माण में आगे है। देश हेलीकाप्टर से लेकर फाइटर जेटों को भी बनाने लगा है। एंटीबाइओटिक्स कारखाना, जहां दवाइयां बनाई जाती थीं, वह भी रूस की मदद से ही बना था। किसी समय वह एशिया का सबसे बड़ा कारखाना था। अंतरिक्ष विज्ञान में भी रूस का सहयोग है।
कहने का मतलब यह है कि युद्ध के औजार हमने अमेरिका और यूरोप से भी खरीदें हैं, लेकिन उन्होंने हमें अपनी तकनीकी को साझा करने में उदासीनता दिखाई। रूस ने कभी भी ऐसी आनाकानी नहीं की।
आज कई अहंम समझौतों पर हस्ताक्षर हो रहे हैं। जैसे-एक समझौता यह है, जिसमें मोबिलिटी, यानी एक दूसरे के परशिक्षित श्रम को काम करने का अधिकार व मौका देने से संबधित है। इससे रूस के ढ़ांचागत क्षेत्र में हजारों भारतीयों को रोजगार मिलने का रास्ता साफ होगा। जहाजरानी, हेल्थकेयर, उर्वरक और कनक्टिविटी के क्षेत्र में भी भारत और रूस के बीच समझौता हो सकता है। साथ ही दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन बेहतर बनाने के प्रयासों पर भी बातचीत होगी। अभी दोनों देशों के बीच 69 अरब डालर का द्विपक्षीय कारोबार होता है। भारत इस असंतुलन को कम करने की कोशिश में है।
ब्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी की हैदराबाद हाउस में अहम बैठक के साझा बयान जारी किया। प्रधानमंत्री ने पुतिन की जमकर तारीफ की, और कहा आज भारत और रूस के 23वें शिखर सम्म्ेलन में राष्टपति पुतिन का स्वागत करते हुए बहुत खुशी हो रही है। उनकी यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब हमारे संबध नई उूंचाइयों पर हैं , वहीं रूस के राष्टपति ने कहा कि हम मेक इन इंडिया प्रोग्राम में भारत की मदद करेंगे, जो पीएम नरेंद्र मोदी के दिल के करीब है। रूस के प्रेसिडेंट ने कहा कि हमारा कारोबार रूबल और रुपये में हो रहा है। हम मेक इन इंडिया में सहयोग करेंगे। नया लॉजिस्टिक रूट बनाने पर भी चर्चा कर रहे हैं।
भारतीय महासागर रूट का इस्तेमाल करने पर भी बात चल रही है। मशीन मैनिफैक्चिरिंग के लिए हम सहयोग को तैयार हैं। पुतिन ने आगे कहा-हम रेल, निवेश और तकनीकी को लेकर काम आगे बढ़ा रहे हैं। भारत को एनर्जी उत्पादन के लिए सभी तरह का सहयोग करना चाहते हैं। पुतिन अपनी गहन दोस्ती का जिक्र करते हुए कहते हैं कि हम लोग टेलीफोन पर अहम मुद्दों पर बातचीत करते रहते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि हम रूसी नागरिकों के लिए 30 दिन के लिए ई टूरिज्म बीजा दे रहे हैं। पुतिन की भारत यात्रा में राष्टपति भवन पर भव्य स्वागत, राजघाट पर श्रद्धांजलि और हैदराबाद हउस में लंबी बैठक हुई। दोनों नेताओं ने उूर्जा, रक्षा, शिपिंग, फर्टिलाइजर, व्यापार और 2030 आर्थिक रोडमैप पर सहमति जताई। आज के दिन का यह सबसे बड़ा इवेंट रहा- साझा प्रेस स्टेटमेंट, इसमें 6 समझौते और साझा बयान जारी हुए। पुतिन ने 2030 तक 100 अरब डालर व्यापार का भरोसा दिया। राष्टपति पुतिन ने भारत यात्रा के दौरान कहा कि पिछले पचास वर्षों से रूस भारतीय सेना को सशत्र करने और आधुनिक बनाने में निरंतर सहयोग करता आया है- चाहे एयर डिफेंस हो, एविएशन हो या नौसेना। उन्होंने बताया कि भारत के साथ हुई ताजा बातचीत के परिणामों से रूस पूरी तरह से संतुष्ट है।
लेखक: भगवती प्रसाद डोभाल
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