Sonam Wangchuk: सुप्रीम कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को लेकर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन.वी. अंजन्या की पीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए आदेश पारित किया।यह याचिका वांगचुक की पत्नी गीतांजलि द्वारा दायर की गई थी, जिसमें उनकी गिरफ्तारी को अवैध और असंवैधानिक बताया गया है। गौरतलब है कि वांगचुक पर लद्दाख में कथित रूप से हिंसक प्रदर्शन भड़काने का आरोप लगाया गया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई आगामी सोमवार को होगी।
तत्काल रिहाई की मांग
Sonam Wangchuk: आपको बता दें कि अपनी हैबियस कॉरपस याचिका में गीतांजलि ने तत्काल रिहाई की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने सुनवाई के दौरान पूछा कि सोनम वांगचुक की पत्नी को हिरासत आदेश क्यों नहीं दिया जा रहा? जिसके जवाब में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आदेश देने से परिवार नया आधार बनाकर चुनौती दे सकता है। जबकि वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने इस मामले में कहा कि जब तक हिरासत के आधार नहीं मिलेंगे, याचिका में क्या चुनौती देंगे? कोर्ट ने कहा कि पत्नी को आदेश देने पर इसे नए आधार के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इसका क्या मतलब है? सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सभी दस्तावेज़ दिए गए हैं, रिकॉर्ड पर रखेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पत्नी को मिलने की अनुमति है, मामले को बेवजह सनसनीखेज न बनाया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि सॉलिसिटर जनरल कृपया संशय में न रहें। वहीं सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हम नहीं चाहते कि वे आदेश को चुनौती देने के लिए कोई नया आधार बनाएं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिब्बल का कहना है कि उनकी पत्नी को हिरासत के आधार न दिए जाने को हिरासत आदेश को चुनौती देने का आधार नहीं माना जा सकता। हमने इसे रिकॉर्ड कर लिया है।
आगे अपनी बात रखते हुए सिब्बल ने कहा कि बिना आधार जाने मैं आदेश को कैसे चुनौती दे सकता हूं? कृपया इसे तब तक रिकॉर्ड न करें जब तक हमें तुरंत इसकी जानकारी न दी जाए। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हां-हां, हम जानते हैं कि क्या हो रहा है। सिब्बल ने कहा हम भी जानते हैं कि क्या हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें नहीं पता कि क्या हो रहा है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पत्नी को निश्चित रूप से प्रवेश मिलेगा।