Ujjayi Pranayama for Thyroid: थायराइड एक ऐसी परेशानी बन चुकी है जिससे ज्यादातर लोग परेशान है, खासकर महिलाओं में यह बमारी बेहद आम है। लेकिन भारतीय योग पद्धति के पास बड़ी से बड़ी शारीरिक अथवा मानसिक परेशानी का हल मौजूद है। जरूरत है तो हमारे द्वारा अपने दिनचर्या में योग को अहम हिस्सा बनाने की, जिससे हमारी जीवनशैली में बड़ा बदलाव हो और थायराइड जैसी समस्या से आराम मिल सके।

थायरॉइड मरीजों के लिए Ujjayi Pranayama करने का सही तरीका
Ujjayi Pranayama for Thyroid: यदि आप भी थायराइड से परेशान है तो उज्जायी प्राणायाम आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। आयुष मंत्रालय द्वारा भी उज्जायी प्राणायाम के कई फायदें बताए गए है। बता दें, उज्जायी प्राणायाम में सांस को नियंत्रित करने का अभ्यास किया जाता है, इससे हमारी दिमाग में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ने के साथ- साथ हमारी मानसिक स्पष्टता अथवा एकाग्रता में भी लाभकारी होता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, यदि आप हर दिन 10 से 15 मिनट के लिए इसका अभ्यास करते है तो तनाव, चिंता, बेचैनी और नींद न आने की समस्या दूर हो सकती है। खासकर उज्जायी प्राणायाम थायरॉइड की समस्या से परेशान लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है। इसको करने से थायरॉइड ग्रंथि को सक्रिय और संतुलित रहती है। इस प्राणायाम से गले की मांसपेशियों पर हल्का दबाव पड़ता है जो हार्मोनल असंतुलन को सही करता है।

किन लोगों को Ujjayi Pranayama for Thyroid नहीं करना चाहिए?
Ujjayi Pranayama for Thyroid: इस आसन को करने के लिए आपको सुबह खाली पेट करना चाहिए। इसके लिए सबसे पहले आपको सुखासन मुद्रा में रीढ़ की हड्डी सीधी रखकर बैठना है। जिसके बाद नाक से गहरी सास लेकर, गले से हल्की ध्वनि निकलते हुए सास छोड़ना है। कोशिश करें कि इस प्रक्रिया को 10 बार दोहराएं। इस आसन को हर उम्र के लोग कर सकते है।
किसी भी आसान को करते समय कुछ बातों का खास ध्यान रखना होता है ठीक उसी तरह हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, गले में दर्द या सांस लेने में तकलीफ हो तो ऐसे मरीजों को उज्जायी प्राणायाम नहीं करना चाहिए। साथ ही गर्भवती महिलाओं को यह आसान विशेषज्ञों की देखरेख में ही करना चाहिए।
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