UP NEWS: बांके बिहारी मंदिर के कथित 1000 करोड़ रुपये के ‘खजाने’ को लेकर उठे विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। तहखाने की जांच के दौरान कोई भी मूल्यवान वस्तु, संपत्ति या खजाना न मिलने के बाद अब सेवादारों पर आरोप लगाए जा रहे हैं, वहीं मंदिर के पुरोहितों ने साफ कहा है कि “हम पहले से जानते थे कि तहखाने में कुछ नहीं मिलेगा।”
पुरोहित बोले — सरकार की नजर ठाकुर जी के ‘धन-कोष’ पर है
मंदिर के एक वरिष्ठ पुरोहित ने कहा कि जब मंदिर की व्यवस्था और सुविधाओं की हालत बेहद खराब थी, उस समय कोई अधिकारी या सरकारी प्रतिनिधि मंदिर का हाल देखने नहीं आया। उन्होंने कहा:“जब यहां कुछ नहीं था, तब कोई अधिकारी नहीं आया। अब सरकार की नजर ठाकुर जी के धन-कोष पर है। तहखाने में कुछ मिलने वाला नहीं था हम पहले से जानते थे।” पुरोहितों ने यह भी सवाल उठाया कि अगर सरकार सच में मंदिरों की चिंता करती है, तो बृज के अन्य सैकड़ों पुराने मंदिर, जो जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं, उनका उद्धार करे।
UP NEWS: सेवादारों पर आरोप, पर पुरोहितों ने किया खंडन
तहखाने से ‘कुछ न मिलने’ के बाद कुछ स्थानीय लोगों और शिकायतकर्ताओं ने सेवादारों पर आरोप लगाए कि वे वर्षों से मंदिर की संपत्तियों पर नियंत्रण बनाए हुए हैं। हालांकि पुरोहितों ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि बांके बिहारी मंदिर की परंपराओं और तिजोरी के नियम सदियों पुराने हैं, जिनका पालन पूरी पारदर्शिता के साथ होता है।
UP NEWS: तहखाना खुला, लेकिन खजाना नहीं मिला
जांच टीम ने तीन दिनों तक मंदिर के तहखाने और उससे जुड़े कमरों का निरीक्षण किया। जांच में सिर्फ पुराने दस्तावेज, सामान्य उपयोग की वस्तुएं और रिकॉर्ड्स मिले। कथित ‘1000 करोड़ रुपये के खजाने’ का कोई प्रमाण सामने नहीं आया।
UP NEWS: बृजवासियों में मिश्रित प्रतिक्रिया
मंदिर के आसपास मौजूद भक्तों और स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पूरा विवाद अफवाहों और राजनीतिक दखल के कारण बढ़ा बांके बिहारी मंदिर को लेकर अतिरिक्त संवेदनशीलता गलतफहमी पैदा कर रही है । सरकार और प्रशासन को धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए सावधानी रखनी चाहिए
विवाद पर आगे की कार्रवाई?
जिला प्रशासन ने कहा है कि उसकी कार्रवाई पूरी कानूनी प्रक्रिया के तहत हुई है और आगे की जांच की रिपोर्ट जल्द जारी की जाएगी। मंदिर प्रबंधन और पुरोहितों ने भी स्पष्ट किया है कि वे जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं।
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