UP NEWS: उत्तर प्रदेश सरकार में वरिष्ठ मंत्री सुरेश खन्ना ने सपा और उसके अध्यक्ष अखिलेश यादव पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के साढ़े आठ वर्षों में साढ़े आठ लाख सरकारी नौकरियां पूरी तरह मेरिट के आधार पर दी गई हैं, जबकि पहले की सरकारों में “अपराधी राज” और “परिवारवाद” हावी था।
सपा के समय अपराधी सरकार चलाते थे
मीडिया से बातचीत में सुरेश खन्ना ने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी की सरकार के दौर में अपराधी सरकार चलाते थे,सत्ताधारी नेताओं के झंडे वाली गाड़ियों में “सबसे बड़े गुंडे” बैठे होते थे,और शासन व्यवस्था अपराधियों के इशारों पर काम करती थी। उन्होंने कहा कि उस दौर का नारा ही था “खाली प्लॉट हमारा है, समाजवादी का नारा है।”
UP NEWS: नौकरी में न घूस, न सिफारिश, सिर्फ मेरिट
सुरेश खन्ना ने कहा कि योगी सरकार ने पिछले साढ़े आठ वर्षों में 8.5 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां दीं, एक रुपये की भी घूस नहीं ली,और हर भर्ती काबिलियत व योग्यता से की गई। उन्होंने कहा, “आज यूपी में कानून-व्यवस्था मजबूत है, और फैसले पूरी तरह मेरिट आधारित होते हैं।”
UP NEWS: सरकार की योजनाओं से हर वर्ग लाभान्वित
खन्ना ने बताया कि राज्य व केंद्र सरकार की योजनाओं से हर वर्ग लाभान्वित हुआ है – किसानों को सम्मान निधि, गरीबों को राशन और महिलाओं को उज्ज्वला गैस कनेक्शन मिला। उन्होंने कहा कि “सबका साथ, सबका विकास” की नीति को योगी सरकार ने जमीन पर उतारा है।
भाजपा कार्यकर्ता-आधारित पार्टी, परिवारवाद नहीं
मंत्री खन्ना ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा में कोई भी कार्यकर्ता शीर्ष पद तक जा सकता है, जबकि सपा और कांग्रेस जैसे दलों में सिर्फ परिवार के लोग ही शीर्ष पर बैठते हैं और पार्टी का नियंत्रण अपने हाथों में रखते हैं। भारत की अर्थव्यवस्था पर बोलते हुए खन्ना ने कहा कि देश की आर्थिक साख इतनी बढ़ी है कि दुनिया के 34 देश अब रुपया स्वीकार कर रहे हैं, पहले डॉलर में भुगतान जरूरी होता था,आज हम सीधे रुपए में व्यापार कर रहे हैं, जो पहले कभी नहीं हुआ।
मोदी सरकार की वैश्विक साख अभूतपूर्व
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता पर विश्वास जताते हुए उन्होंने कहा कि“आज भारत की प्रतिष्ठा दुनिया में जिस ऊंचाई पर है, वह पहले कभी नहीं थी।” विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जिन पार्टियों ने मिलकर विपक्षी गठबंधन बनाया है, उन्हीं पर संविधान का सबसे अधिक दुरुपयोग करने के आरोप हैं, इसलिए उन्हें संविधान पर बोलने का अधिकार नहीं।
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