RBI Policy: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) उपभोक्ताओं और बैंकों के लिए एक नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी में है। इस व्यवस्था का सीधा संबंध किस्त यानी ईएमआई (EMI) से होगा। अगर कोई ग्राहक समय पर ईएमआई भरने में असफल रहता है, तो उसके द्वारा खरीदे गए प्रोडक्ट की सेवाएँ बंद की जा सकेंगी। आरबीआई का मानना है कि इस कदम से समय पर किस्त भरने की प्रवृत्ति बढ़ेगी और वित्तीय संस्थानों को अपने पैसे की वसूली में आसानी होगी।
कैसे होगा असर
RBI Policy: नई प्रणाली लागू होने के बाद यदि कोई व्यक्ति मोबाइल, टीवी, वॉशिंग मशीन, फ्रिज, लैपटॉप या अन्य महँगे इलेक्ट्रॉनिक सामान ईएमआई पर खरीदता है, तो उसमें पहले से ही एक विशेष ऐप या सॉफ्टवेयर इंस्टॉल होगा। यह ऐप ग्राहकों की किस्त भरने की निगरानी करेगा। जैसे ही कोई ग्राहक निर्धारित तारीख पर ईएमआई चुकाने में चूक करेगा, सिस्टम अपने आप सक्रिय होकर उस उत्पाद की मुख्य सेवाएँ लॉक कर देगा। यानी जब तक ग्राहक बकाया राशि जमा नहीं करेगा, तब तक वह खरीदी गई वस्तु का उपयोग नहीं कर पाएगा।
अन्य देशों में पहले से लागू
RBI Policy: ऐसी व्यवस्था दुनिया के कई देशों में पहले से चलन में है। अमेरिका समेत कुछ देशों में अगर किस्त नहीं भरी जाती, तो कार को दूर से लॉक कर दिया जाता है, जिससे गाड़ी स्टार्ट ही नहीं हो पाती। अब भारत में भी इसी तरह का मॉडल लागू करने की तैयारी हो रही है, लेकिन यहाँ इसे मुख्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल प्रोडक्ट्स पर केंद्रित किया जा सकता है।
डेटा सुरक्षा का सवाल
RBI Policy: ग्राहकों के मन में सबसे बड़ा सवाल यह उठ सकता है कि क्या इस प्रक्रिया से उनकी निजी जानकारी सुरक्षित रहेगी। आरबीआई की योजना है कि नए सिस्टम को इस तरह बनाया जाए कि उपभोक्ताओं का निजी डेटा किसी भी तरह से प्रभावित न हो। इस ऐप या सॉफ्टवेयर के जरिए केवल वही नियंत्रण होगा, जो किस्त की निगरानी और सेवा को लॉक/अनलॉक करने के लिए जरूरी होगा। इसके अलावा, किसी भी प्रोडक्ट में इस तरह की तकनीक डालने से पहले ग्राहक की सहमति लेना अनिवार्य होगा।
ग्राहकों और बैंकों को फायदा
RBI Policy: इस व्यवस्था से बैंकों और वित्तीय संस्थानों को तो लाभ मिलेगा ही, क्योंकि उनके लिए कर्ज वसूलना आसान होगा। साथ ही, ग्राहक भी समय पर किस्त चुकाने के लिए प्रेरित होंगे। अक्सर देखा जाता है कि लोग प्रोडक्ट लेने के बाद किस्त चुकाने में लापरवाही कर देते हैं। नई तकनीक इस लापरवाही पर अंकुश लगाएगी और समय पर भुगतान करने की आदत डालेगी। कुल मिलाकर, आरबीआई की यह पहल उपभोक्ताओं के लिए थोड़ी सख्त जरूर होगी, लेकिन इससे वित्तीय अनुशासन बढ़ेगा। यदि कोई व्यक्ति समय पर ईएमआई भरता है, तो उसे किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। वहीं, किस्त चूकने वालों के लिए यह सिस्टम चेतावनी की तरह काम करेगा। अब देखना होगा कि यह व्यवस्था कब तक लागू होती है और इसमें उपभोक्ताओं की सहमति तथा डेटा सुरक्षा को लेकर कौन-कौन से प्रावधान जोड़े जाते हैं।
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