BIHAR CM: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए की ऐतिहासिक जीत के बाद जेडीयू ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री पद तय है, लेकिन बीजेपी की चुप्पी राजनीतिक सवालों को और गहरा कर रही है। आने वाले एक-दो दिन सियासी नजरिए से बेहद अहम होंगे।
बिहार के राजा पर सस्पेन्स बरकरार…
जैसे-जैसे नतीजों की धूल बैठ रही है, सियासी गलियारों में यह बड़ा सवाल तैरने लगा है कि बिहार का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? इसी सवाल पर जहां जेडीयू ने पूरी स्पष्टता दिखाई है, वहीं बीजेपी ने अब तक इस मुद्दे पर सस्पेंस बनाए रखा है। इससे राजनीति का तापमान और बढ़ गया है।
BIHAR CM: जेडीयू ने भाजपा को इशारों में बताया सीएम
चुनाव नतीजों के अगले ही दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गईं। केंद्रीय मंत्री ललन सिंह, जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, वरिष्ठ नेता विजय चौधरी और श्याम रजक ने उनसे मुलाकात की। बैठक के बाद जेडीयू नेताओं ने स्पष्ट संदेश दिया कि मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई सवाल ही नहीं उठता।
जेडीयू – सीएम पद की कोई वैकेंसी नहीं
ललन सिंह ने कहा, बिहार में सीएम पद की कोई वैकेंसी नहीं है। नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री रहेंगे। श्याम रजक ने भी दावा करते हुए कहा कि नीतीश कुमार ही एक बार फिर मुख्यमंत्री पद संभालेंगे और जनता ने उन्हें जिस भरोसे के साथ वोट दिया है, उसका सम्मान किया जाएगा।
बीजेपी – विधायक तय करेंगे नेता
दूसरी ओर, बीजेपी ने अभी तक नीतीश कुमार के नाम पर औपचारिक मुहर नहीं लगाई है। पार्टी इस मुद्दे पर खुलकर कुछ बोलने से बच रही है, जिससे सरकार गठन पर रहस्य बढ़ता जा रहा है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा, एनडीए के विधायक अपना-अपना नेता चुनेंगे। जल्द ही इसकी औपचारिक बैठक होगी। सरकार गठन की प्रक्रिया पूरी तरह संवैधानिक तरीके से होगी। जब उनसे पूछा गया कि क्या नीतीश ही फिर मुख्यमंत्री बनेंगे, तो उन्होंने जवाब दिया, यह निर्णय केंद्रीय नेतृत्व और विधायकों की बैठक के बाद होगा।
BIHAR CM: प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने कहा
चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने भी मीडिया से बातचीत में सीधे नीतीश कुमार का नाम लेने से परहेज किया। उन्होंने इतना कहा कि अगला मुख्यमंत्री एनडीए का ही होगा, लेकिन नाम को लेकर कोई साफ घोषणा नहीं की।
जानें किसको कितना मिला जनता द्वारा बंटवारा
इस चुनाव में बीजेपी और जेडीयू ने बराबर सीटों पर मुकाबला किया था, लेकिन जीत बीजेपी के पक्ष में ज्यादा रही। बीजेपी — 89 सीटें, जेडीयू — 85 सीटें, एलजेपी — 19 सीटें, हम — 5 सीटें, रालोसपा — 4 सीटें। इस परिणाम के बाद बीजेपी की अंदरूनी शक्ति बढ़ी है, और यही वजह है कि पार्टी मुख्यमंत्री के नाम पर जल्दबाज़ी दिखाने से बच रही है। फिलहाल, बिहार की राजनीति में सीएम की कुर्सी अब भी सस्पेंस में है।
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