ASSAM NEWS: जातीय तनाव और अस्थिरता से जूझ रहे मणिपुर में सुरक्षा एजेंसियों ने पिछले 48 घंटों में लगातार सफल अभियानों के जरिए इस आशंका को बल दिया है कि उग्रवादी गुट एक बार फिर सक्रिय होने की कोशिश कर रहे हैं। असम राइफल्स और स्थानीय पुलिस के संयुक्त अभियानों में तीन प्रमुख प्रतिबंधित संगठनों के कैडरों की गिरफ्तारी और भारी मात्रा में हथियारों की बरामदगी ने राज्य में सुरक्षा चुनौतियों की नई तस्वीर पेश की है।
एक के बाद एक ऑपरेशन, तीन संगठनों के कैडर गिरफ्तार
पिछले दो दिनों में यूएनएलएफ (पाम्बेई गुट), पीएलए, और पीआरईपीएके (प्रोग्रेसिव) जैसे संगठनों से जुड़े तीन सक्रिय कैडरों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से कई मामलों में स्मार्टफोन, सिम कार्ड और पहचान-पत्र बरामद होने से सुरक्षा एजेंसियां इन गुटों की डिजिटल सक्रियता और नेटवर्किंग के नए पैटर्न को भी खंगाल रही हैं।
सबसे बड़ी सफलता पीएलए के कैडर की गिरफ्तारी के दौरान मिली, जहां से एम-16 राइफल, एलएमजी, कार्बाइन, .303 राइफलें, सैकड़ों राउंड गोलियां, मैगजीन, मोटर बम और संचार उपकरण बरामद हुए। इतनी बड़ी मात्रा में हथियार मिलने से एजेंसियां अनुमान लगा रही हैं कि उग्रवादी संगठन भविष्य में बड़े हमलों की तैयारी में थे।
ASSAM NEWS: पिछले दिनों में बढ़ी संदिग्ध गतिविधियाँ
इससे ठीक एक दिन पहले 15 नवंबर को भी न्गाइरांगबाम क्षेत्र से भारी हथियारों और विस्फोटक का बड़ा जखीरा मिला था, जिससे संकेत मिलता है कि पिछले कुछ महीनों में इन संगठनों ने फिर से जमीन पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश की है।
ASSAM NEWS: सुरक्षा एजेंसियों की रणनीतिक बढ़त
असम राइफल्स ने अपनी आधिकारिक पोस्ट में कहा है कि मणिपुर में शांति और स्थिरता बहाल रखने के लिए ऑपरेशन लगातार बढ़ाए जा रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक, हाल की कार्रवाइयाँ संकेत देती हैं कि “उग्रवादी संगठनों की गतिविधियाँ बढ़ी हैं, लेकिन सुरक्षा बल उनकी किसी भी योजना को जमीन पर उतरने नहीं देंगे।”
राज्य में हिंसा के बीच सुरक्षा बल सक्रिय और सतर्क
लगातार गिरफ्तारियों और हथियारों की बरामदगी ने यह साफ कर दिया है कि मणिपुर में उग्रवाद का खतरा अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। लेकिन सुरक्षा बलों की तेजी और लगातार की जा रही कार्रवाई यह दिखाती है कि राज्य में नियंत्रण बनाए रखने के लिए प्रयास और मजबूत किए गए हैं।







