Home » राष्ट्रीय » Kashi Tamil Sangam: केंद्र का ‘चलो तमिल सीखें’ अभियान: काशी-तमिल संगमम का नया फेज

Kashi Tamil Sangam: केंद्र का ‘चलो तमिल सीखें’ अभियान: काशी-तमिल संगमम का नया फेज

KASHI TAMIL SANGAM

Kashi Tamil Sangam: नई दिल्ली / काशी, केंद्र सरकार एक नई पहल लेकर आई है- ‘चलो तमिल सीखें’ नामक कार्यक्रम के ज़रिए वह काशी-तमिल संगम का एक नए चरण की शुरुआत करने जा रही है। यह पहल तमिल भाषा और साहित्य को बढ़ावा देने के साथ-साथ तमिलनाडु और देश के अन्य हिस्सों के बीच सांस्कृतिक जुड़ाव को मजबूत करने का उद्देश्य रखती है।

संगमम की शुरुआत और समापन

इस नए चरण की शुरुआत 2 दिसंबर से की जानी है। शिक्षा मंत्रालय ने अन्य मंत्रालयों के सहयोग से इस योजना की तैयारियाँ पूरी कर ली हैं। आयोजन की शुरुआत काशी (वाराणसी) से होगी और समापन रामेश्वरम, तमिलनाडु के प्राचीन पवित्र शहर में होगा। इस यात्रा के दौरान लगभग 50 तमिल शिक्षक  यात्रा करेंगे, जो तमिल भाषा और साहित्य का प्रशिक्षण देंगे और लोगों को उसकी गहराई से परिचित कराएंगे।

Kashi Tamil Sangam: लक्ष्य और रणनीति

यह पहल सिर्फ भाषा सिखाने तक सीमित नहीं है। केंद्र सरकार का मकसद तमिल के साथ अन्य भारतीय भाषाओं के साहित्य और सांस्कृतिक संबंधों को भी फिर से जीवित करना है। इस “चलो तमिल सीखें” मुहिम के जरिए तमिलनाडु की सांस्कृतिक विरासत-कला, संगीत, साहित्य को पूरे देश में फैलाने की योजना है। शासन का यह मानना है कि तमिल भाषा सीखने से तमिलनाडु और भारत के अन्य हिस्सों में संपर्क और आत्मीयता बढ़ेगी।

राजनीतिक पृष्ठभूमि और चुनौती

केंद्र की यह पहल राजनीतिक रूप से संवेदनशील भी है। तमिलनाडु में स्टालिन सरकार लंबे समय से हिंदी और संस्कृत विरोधी रुख अख्तियार किए हुए है। वह नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के त्रिभाषा फार्मूले का विरोध करती रही है। ऐसे में केंद्र का ‘चलो तमिल सीखें’ अभियान तमिलनाडु में एक संदेश भी है- भाषा विरोधी रुख को सीधे चुनौती देना और तमिल को उसके घर (तमिलनाडु) के बाहर मजबूती देना। इसका साफ संकेत यह है कि केंद्र तमिल भाषा के जरिए तमिलनाडु और केंद्र के बीच संस्कृति के पुल को मजबूत करना चाहता है।

Kashi Tamil Sangam: अपेक्षित प्रभाव और महत्व

विशेषज्ञों का मानना है कि यह कार्यक्रम तमिलनाडु और बाकी भारत के बीच शिक्षा, संस्कृति और संवाद को नए आयाम दे सकता है। टीचर्स के माध्यम से तमिल सीखने का मौका मिलने से उन लोगों की संख्या बढ़ेगी जो अन्य भारतीय भागों में तमिल भाषा और उसकी विरासत को बेहतर तरीके से समझ सकेंगे।
इसके अलावा, यह पहल शिक्षा, पर्यटन, संस्कृति और सामाजिक जुड़ाव में नई ऊर्जा भर सकती है। केंद्र सरकार की यह रणनीति तमिलनाडु में राजनीतिक और सांस्कृतिक पैठ बनाने की एक महत्वपूर्ण चाल हो सकती है।

यह भी पढ़ें…TEJAS CRASH: राहुल गांधी ने पायलट की मौत पर जताया दुख

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

Share this post:

खबरें और भी हैं...

Live Video

लाइव क्रिकट स्कोर

Khabar India YouTubekhabar india YouTube poster

राशिफल