CYBER FRAUD: देश में तेजी से बढ़ रहे साइबर निवेश धोखाधड़ी मामलों के बीच दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसने तकनीक और सोशल इंजीनियरिंग का दुरुपयोग कर दर्जनों लोगों की मेहनत की कमाई लूटी। यह नेटवर्क फर्जी ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म तैयार कर पीड़ितों को भारी मुनाफे का सपना दिखाता था और एक बार पैसा मिलने पर पीड़ितों से संपर्क तक खत्म कर देता था।
देशभर में 10 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी
CYBER FRAUD: पुलिस ने इस जटिल साइबर स्कैम को ऑपरेट करने वाले चार आरोपियों अतुल कुमार, वर्षा शर्मा, अजय शर्मा और आर को गिरफ्तार किया है। इन पर अब तक देशभर में 10 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी में शामिल होने के आरोप हैं। जांच के अनुसार, गिरोह का पहला निशाना सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म होते थे। एक महिला बनकर फेसबुक मैसेंजर के जरिये बातचीत शुरू की जाती, फिर उसे व्हाट्सएप पर शिफ्ट कर भरोसा जीता जाता। जैसे ही पीड़ित आर्थिक निवेश की बात मान लेते, उन्हें एक प्रोफेशनल दिखने वाली फर्जी वेबसाइट fixprovip.com पर भेज दिया जाता।
CYBER FRAUD: गिरोह पर 67 से ज्यादा शिकायते
पुलिस उपायुक्त (अपराध) आदित्य गौतम ने बताया कि इस काम के लिए गिरोह “म्यूल अकाउंट्स” का इस्तेमाल करता था- ऐसे बैंक खाते जो आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के नाम पर खोले जाते थे, और ठगी की रकम ट्रांसफर करने में सहायक होते थे। इससे पुलिस के लिए पैसों का वास्तविक स्रोत और गंतव्य ट्रेस करना बेहद मुश्किल हो जाता था। सायबर सेल ने फाइनेंशियल ट्रेल एनालिसिस और डिजिटल सर्विलांस की मदद से इस नेटवर्क की कड़ियां खोलीं। अब तक की जांच में सामने आया है कि गिरोह के खातों का नाम 67 से अधिक साइबर अपराध शिकायतों में सामने आ चुका है- जिनमें डिजिटल अरेस्ट जैसे खतरनाक स्कैम भी शामिल हैं।
CYBER FRAUD: आधुनिक तकनीक और धोखाधड़ी के इस संयोजन ने साइबर सुरक्षा एजेंसियों के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। पुलिस जानकारी जुटाने और इस नेटवर्क के पीछे छिपे बड़े खिलाड़ियों तक पहुंचने के लिए जांच तेज कर चुकी है।
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