Delhi News: दुलारी देवी फाउंडेशन द्वारा आयोजित ‘सृजन–स्वावलंबिनी आत्मनिर्भर नारी का उत्सव’ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बतौर पहुंचे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक व भाजपा के पूर्व संगठन महामंत्री संजय विनायक जोशी ने फाउंडेशन द्वारा 11 वर्षों में किए गए कार्यों की जमकर प्रशंसा की। साथ ही कहा “जब एक नारी सशक्त होती है तब केवल एक परिवार ही नहीं बल्कि पूरा समाज और राष्ट्र सशक्त होता है। हमें हर उस बेटी, बहन और माँ को संबल देना होगा जो आत्मनिर्भर बनने का सपना देखती है। यह आयोजन केवल एक पहल नहीं बल्कि महिलाओं के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में बढ़ता हुआ एक सराहनीय कदम है।”
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दरअसल बीते मंगलवार(4 मार्च, 2024) को दिल्ली के जंगपुरा स्थित दुलारी देवी फाउंडेशन द्वारा ‘सृजन–स्वावलंबिनी आत्मनिर्भर नारी का उत्सव’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ों जरूरतमंद परिवारों को अतिथियों के हाथों राशन वितरित किया गया। ताकि उनके जीवन में कुछ राहत और मुस्कान आ सके।कार्यक्रम में वरिष्ठ अतिथि रहे भारत पैकेजिंग के निदेशक आशीष मित्तल ने कहा “नारी शक्ति ही सृजन की शक्ति है। अगर उसे उचित अवसर और संसाधन मिलें तो वह असंभव को भी संभव बना सकती है। हमें समाज में एक ऐसी सोच विकसित करनी होगी जहां हर महिला को आत्मनिर्भर बनने का अधिकार और अवसर प्राप्त हो।”
दुलारी देवी फाउंडेशन की रिसोर्स मोबिलाइजेशन हेड प्रियंका पॉल गांगुली ने कहा “हर महिला के अंदर अनंत सामर्थ्य छिपा है, बस उसे जागरूकता और मार्गदर्शन की जरूरत है। यह आयोजन उन महिलाओं के लिए एक संबल बनकर आया है, जो समाज की बाधाओं से लड़ते हुए अपने पैरों पर खड़े होने का सपना देख रही हैं।”
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं दुलारी देवी फाउंडेशन की सेंट्रल कोऑर्डिनेशन हेड सुब्रतो मन्ना ने कहा “यदि हमें एक नए भारत का निर्माण करना है, तो सबसे पहले हमें अपनी नारियों को आत्मनिर्भर बनाना होगा। उनका आर्थिक, शैक्षिक और सामाजिक उत्थान ही सच्ची प्रगति का प्रतीक होगा। यह कार्यक्रम उसी दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।”

Delhi News: अंत में कार्यक्रम संयोजिका व दुलारी देवी फाउंडेशन की निदेशिका प्रीती पाण्डेय ने आयोजन की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सभी गणमान्य अतिथियों, मीडियाकर्मियों, स्वयंसेवकों एवं उपस्थित नागरिकों का हृदय से आभार व्यक्त किया और कहा “यह केवल एक कार्यक्रम नहीं बल्कि उन सभी संघर्षशील महिलाओं के सम्मान और उत्थान की दिशा में उठाया गया एक मजबूत कदम है। जब कोई मां अपने बच्चों को भूख से बचाने के लिए संघर्ष करती है, जब कोई बेटी अपने सपनों को पूरा करने के लिए समाज की बेड़ियों को तोड़ती है, तब हमारा कर्तव्य बनता है कि हम उनके साथ खड़े हों।” पाण्डेय ने आगे कहा कि कार्यक्रम के माध्यम से हमने न केवल सहायता पहुंचाने का प्रयास किया है बल्कि उन महिलाओं को यह एहसास भी दिलाया है कि वे अकेली नहीं बल्कि पूरा समाज उनके साथ खड़ा है।
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