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भारत के ईमानदार प्रधानमंत्री: जिनके खाते में अंत समय पर थे सिर्फ 365 रुपये

भारत के ईमानदार प्रधानमंत्री

भारत के ईमानदार प्रधानमंत्री: भारतीय राजनीति में अक्सर नेताओं पर भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप लगते रहे हैं। कई नेताओं ने अपने पद और अधिकारों का दुरुपयोग कर अकूत संपत्ति बनाई। लेकिन इसी देश ने एक ऐसे प्रधानमंत्री को भी देखा, जो अपनी ईमानदारी, सादगी और नैतिक मूल्यों के लिए हमेशा याद किए जाते हैं। यह शख्सियत थे लाल बहादुर शास्त्री — सादगी, सत्यनिष्ठा और राष्ट्रप्रेम के अद्वितीय प्रतीक।

सादगी और ईमानदारी की मिसाल

भारत के ईमानदार प्रधानमंत्री: शास्त्री जी का जीवन इस बात का उदाहरण है कि सच्चा नेता वही है जो जनता की सेवा को ही अपना कर्तव्य माने। जहाँ आज अधिकांश नेताओं का नाम भ्रष्टाचार से जुड़ जाता है, वहीं शास्त्री जी ने अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल में भी व्यक्तिगत लाभ की कभी परवाह नहीं की। उनका मानना था कि राजनीति का उद्देश्य निजी संपत्ति कमाना नहीं, बल्कि राष्ट्र की सेवा करना है। यही कारण था कि प्रधानमंत्री जैसे ऊँचे पद पर पहुँचने के बावजूद वे हमेशा सादगीपूर्ण जीवन जीते रहे।

पारिवारिक जीवन और सादगी

भारत के ईमानदार प्रधानमंत्री: लाल बहादुर शास्त्री का परिवार भी उनकी तरह ही सादा जीवन जीता था। वे सामान्य परिवार से थे और सत्ता मिलने के बाद भी उनकी सोच और आदतें नहीं बदलीं। वे मानते थे कि नेता का जीवन ऐसा होना चाहिए जिसे देखकर आम जनता प्रेरित हो। उन्होंने कभी अपने रिश्तेदारों या बच्चों को राजनीति या व्यापार में विशेष लाभ नहीं दिलाया। यही कारण है कि उनकी ईमानदारी की गवाही आज भी उनका पूरा जीवन देता है। 1966 में जब लाल बहादुर शास्त्री जी का अचानक निधन हुआ, तब उनके बैंक खाते में केवल 365 रुपये ही बचे थे। उनके नाम पर कोई ज़मीन, मकान या निजी संपत्ति नहीं थी। इतना ही नहीं, उनके परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी साधारण थी कि उनकी पत्नी को गुज़ारे के लिए कर्ज़ लेना पड़ा। बाद में भारत सरकार ने उनके परिवार की मदद की। यह तथ्य बताता है कि वे सचमुच जनता के सेवक थे, न कि सत्ता का लाभ उठाने वाले नेता।

“जय जवान, जय किसान” का नारा

शास्त्री जी का नाम हमेशा उनके मशहूर नारे “जय जवान, जय किसान” से जुड़ा रहेगा। यह नारा आज भी भारत की ताकत और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। उनके नेतृत्व में देश ने कृषि और सैन्य शक्ति दोनों में मजबूती पाई।

विरासत और प्रेरणा

लाल बहादुर शास्त्री सिर्फ एक प्रधानमंत्री नहीं थे, बल्कि ईमानदारी और सादगी की जीवित मिसाल थे। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि सत्ता और पद से अधिक महत्वपूर्ण है इंसान का चरित्र।

आज जब राजनीति में भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और बेईमानी की चर्चा आम है, तब शास्त्री जी का जीवन हमें यह याद दिलाता है कि नेतृत्व का असली उद्देश्य जनता की सेवा है। लाल बहादुर शास्त्री जी का जीवन हर भारतीय के लिए प्रेरणादायी है। उन्होंने दिखाया कि सीमित संसाधनों के बावजूद भी कोई व्यक्ति महान बन सकता है, यदि उसके पास ईमानदारी, सादगी और देशभक्ति जैसे गुण हों। यही कारण है कि उनका नाम हमेशा सम्मान और श्रद्धा के साथ लिया जाएगा।

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