Italy Burqa and Virginity Test Ban: इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने इस्लामी अलगाववाद के खिलाफ एक अलग ही मोर्चा खोलते हुए संसद में एक नया कानून प्रस्ताव (Bill) पेश किया है। यह विधेयक पूरे देश में बुर्का और नकाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ कौमार्य परीक्षण (Virginity Test) जैसी प्रथाओं को दंडनीय अपराध घोषित करने का प्रस्ताव रखता है। मेलोनी की पार्टी ब्रदर्स ऑफ इटली का दावा है कि यह कानून “राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक समरसता” की दिशा में एक निर्णायक कदम है।
उल्लंघन पर ₹3 लाख तक का जुर्माना
Italy Burqa and Virginity Test Ban: ब्रिटिश मीडिया रिपोर्ट ‘द सन’ के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों जैसे स्कूल, विश्वविद्यालय, सरकारी दफ्तर या दुकानों पर बुर्का या नकाब पहनते पाया जाता है, तो उस पर 3,000 यूरो (करीब ₹3 लाख) तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। वर्तमान में कुछ इटैलियन क्षेत्रों में पहले से ऐसे प्रतिबंध लागू हैं, पर यह नया कानून इसे पूरे देश में लागू करेगा।
जबरन विवाह और सांस्कृतिक अपराधों पर सख्ती
Italy Burqa and Virginity Test Ban: इस प्रस्ताव में जबरन विवाह के लिए सजा बढ़ाकर 10 साल तक की जेल का प्रावधान किया गया है।
इसके अलावा, “कौमार्य परीक्षण” जैसी प्रथाओं को पूरी तरह प्रतिबंधित करने का लक्ष्य है। मेलोनी सरकार का कहना है कि यह केवल धार्मिक या सांस्कृतिक मुद्दा नहीं, बल्कि महिलाओं की गरिमा और समानता से जुड़ा मामला है।
कानून में धार्मिक दबाव या भय के आधार पर होने वाले अपराधों को भी कठोर सज़ा के दायरे में रखा गया है।
मस्जिदों और धार्मिक फंडिंग पर निगरानी
Italy Burqa and Virginity Test Ban: विधेयक में यह भी प्रावधान किया गया है कि राज्य की मान्यता प्राप्त न होने वाले सभी धार्मिक संगठनों जिनमें फिलहाल अधिकांश मुस्लिम समूह शामिल हैं को अपने फंडिंग स्रोतों का खुलासा करना होगा।
यदि किसी संगठन को देश की सुरक्षा के लिए खतरा माना गया। तो उसे वित्तीय सहायता रोकने का अधिकार सरकार को होगा। सांसद एंड्रिया डेलमास्त्रो ने कहा, “धार्मिक स्वतंत्रता महत्वपूर्ण है, लेकिन यह स्वतंत्रता संविधान और इतालवी मूल्यों के सम्मान के साथ ही दी जा सकती है।” उन्होंने बताया कि इस कानून की प्रेरणा फ्रांस के 2011 के बुर्का प्रतिबंध कानून से ली गई है। फ्रांस के बाद बेल्जियम, ऑस्ट्रिया, डेनमार्क और नीदरलैंड जैसे देशों ने भी ऐसे नियम लागू किए हैं।

मुस्लिम संगठनों और विपक्ष की नाराजगी
Italy Burqa and Virginity Test Ban: इटली में करीब 20 लाख मुसलमान रहते हैं, जिनमें से कई समूहों ने इस विधेयक का तीखा विरोध किया है।
उनका कहना है कि यह कदम धार्मिक स्वतंत्रता और महिलाओं की व्यक्तिगत आज़ादी का हनन है। एक मुस्लिम संगठन ने बयान जारी करते हुए कहा, “यह बिल इस्लाम और महिला अधिकारों दोनों पर हमला है। सरकार को धार्मिक सहिष्णुता का सम्मान करना चाहिए।” विपक्षी दलों ने भी इस कदम को विभाजनकारी राजनीति करार दिया है, जबकि मेलोनी समर्थक इसे राष्ट्रीय गौरव और सुरक्षा का प्रतीक बता रहे हैं।
संसद में बहुमत से पारित होने की संभावना
Italy Burqa and Virginity Test Ban: मेलोनी की पार्टी और उसकी सहयोगी पार्टियों के पास संसद में बहुमत है। इसलिए विधेयक के पारित होने की संभावना काफ़ी प्रबल मानी जा रही है।
हालांकि, इसकी औपचारिक बहस की तारीख अभी तय नहीं हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि कानून बनने के बाद इसे यूरोपीय मानवाधिकार अदालत में चुनौती दी जा सकती है।
मेलोनी की नीति — “एक राष्ट्र, एक पहचान”
Italy Burqa and Virginity Test Ban: प्रधानमंत्री मेलोनी पहले से ही कट्टरपंथ और अवैध प्रवासन के खिलाफ कठोर नीति के लिए जानी जाती हैं।
उनकी सरकार ने पहले भी प्रवासियों की नावों को भूमध्यसागर में रोकने जैसे विवादास्पद कदम उठाए थे।
मेलोनी का कहना है, “बुर्का और नकाब केवल वस्त्र नहीं हैं, बल्कि वे सामाजिक अलगाव और महिलाओं की स्वतंत्रता पर पर्दा डालते हैं।
इटली में हर नागरिक को खुला चेहरा और खुली सोच के साथ जीने का अधिकार है।”
संपादकीय विश्लेषण
Italy Burqa and Virginity Test Ban: यह बिल न केवल धार्मिक स्वतंत्रता बनाम राज्य-सुरक्षा की बहस को नया आयाम दे रहा है, बल्कि यूरोप में धर्म और लोकतंत्र के संतुलन पर भी गहन चर्चा छेड़ रहा है।
फिलहाल, इटली में यह प्रस्ताव राजनीतिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर एक बड़ी बहस का विषय बन चुका है।
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