Justice Suryakant CJI: देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई आज अपने पद से सेवानिवृत्त हो गए। इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले 40 वर्षों की उनकी न्यायिक यात्रा उन्हें गर्व और संतोष देती है। 24 नवंबर को जस्टिस सूर्यकांत भारत के 53वें CJI के रूप में शपथ लेंगे और उच्चतम न्यायालय की कमान संभालेंगे।
नए CJI का विजन: लंबित मामलों के निपटारे पर फोकस
शपथ से ठीक पहले दिल्ली स्थित अपने आवास पर लीगल पत्रकारों से बातचीत में जस्टिस सूर्यकांत ने बताया कि वे उन मामलों पर अधिक ध्यान देंगे जो हाई कोर्ट में अंतिम चरण में थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने के कारण वर्षों से अटके हैं।
उन्होंने कहा कि ये ऐसे केस हैं जिनका जल्द निपटारा न केवल संबंधित लोगों को राहत देगा बल्कि न्यायिक ढांचे का बोझ भी कम करेगा।
Justice Suryakant CJI: मीडिएशन होगा ‘गेम चेंजर’
जस्टिस सूर्यकांत ने मध्यस्थता को न्याय व्यवस्था का भविष्य बताया। उनका मानना है कि- “अगर प्री-लिटिगेशन और लंबित मामलों का समाधान अदालत के बाहर मध्यस्थता से होता है, तो अदालतों पर दबाव काफी कम हो सकता है।” यह कदम विवादों को तेजी से सुलझाने के साथ न्याय तक पहुंच को आसान बनाएगा।
डिजिटल कोर्ट्स और AI पर जोर
नए CJI टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के बड़े समर्थक हैं। उनके अनुसार- डिजिटल कोर्ट्स से सुनवाई में तेजी आएगी, लंबित मामलों की लिस्टिंग और प्रबंधन पहले से अधिक पारदर्शी और प्रभावी होगा। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अंतिम निर्णय हमेशा जज ही करेंगे, क्योंकि न्याय प्रक्रिया में मानवीय संवेदना आवश्यक है।
Justice Suryakant CJI: ऐतिहासिक शपथ समारोह
जस्टिस सूर्यकांत के शपथ ग्रहण समारोह में इस बार अंतरराष्ट्रीय मेहमानों की विशेष उपस्थिति देखने को मिलेगी। पहली बार 7 देशों के चीफ जस्टिस उनके परिवार और सुप्रीम कोर्ट के जज राष्ट्रपति भवन में होने वाले इस ऐतिहासिक आयोजन में शामिल होंगे। इनमें ब्राजील, भूटान, केन्या, मलेशिया, मॉरिशस, नेपाल और श्रीलंका शामिल हैं।
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