Politicalnews : मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में जहरीली कफ सिरप पीने से कई मासूम बच्चों की मौत हो गई थी। जिसके बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखा है। जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने इस पत्र में दर्दनाक घटना का जिक्र बेहद भावनात्मक अंदाज में करते हुए चिंता जाहिर की है।
Politicalnews : कमलनाथ ने अपने पत्र में राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार ने पीड़ित बच्चों के इलाज का पूरा खर्च उठाने की घोषणा की थी, लेकिन अब तक इन परिवारों को कोई आर्थिक मदद नहीं मिली है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि इस मानवीय विषय को गंभीरता से लेते हुए तुरंत पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करे।
“दिल दहलाने वाली घटना, अब तक नहीं मिली राहत”
Politicalnews : “छिंदवाड़ा जिले में जहरीली कफ सिरप के सेवन से कई मासूम बच्चों की असमय मृत्यु होने की हृदयविदारक घटना ने पूरे देश और प्रदेश को व्यथित किया है। राज्य सरकार ने घोषणा की थी कि सभी पीड़ित बच्चों के उपचार का सम्पूर्ण खर्च शासन द्वारा वहन किया जाएगा, किंतु अब तक उन्हें उपचार में हुए खर्च की राशि प्राप्त नहीं हुई है।”
Politicalnews : पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इन परिवारों की पीड़ा सिर्फ बच्चों की क्षति तक सीमित नहीं है, बल्कि इलाज में खर्च हुई राशि ने उन्हें आर्थिक रूप से भी कमजोर कर दिया है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने इस संबंध में एक प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा है, लेकिन अब तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया।
अस्पताल मांग रहे बकाया, परिजन हो रहे परेशान
Politicalnews : कमलनाथ ने अपने पत्र में खुलासा किया कि जिन अस्पतालों में बच्चों का इलाज हुआ था, वे अब पीड़ित परिवारों से बकाया बिलों की मांग कर रहे हैं। इससे पहले से दुख में डूबे ये परिवार और भी अधिक आर्थिक बोझ झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बेहद अमानवीय स्थिति है और शासन को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए।
“मेरे संज्ञान में आया है कि जिला प्रशासन ने शासन को प्रस्ताव भेज दिया है, परंतु कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। अस्पतालों द्वारा पीड़ित परिवारों से बकाया राशि मांगे जाने से उनकी आर्थिक एवं मानसिक पीड़ा और बढ़ रही है।”

कमलनाथ की अपील , सरकार दिखाए संवेदनशीलता
Politicalnews : पूर्व मुख्यमंत्री ने पत्र में मुख्यमंत्री यादव से संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पीड़ित बच्चों के परिवारों को जल्द से जल्द उपचार व्यय की राशि उपलब्ध कराई जाए और अस्पतालों के बकाया बिलों का निपटारा शासन स्तर पर किया जाए, ताकि इन परिवारों को राहत मिल सके।
छिंदवाड़ा में ज़हरीला कफ सीरप पीने से कई कई बच्चों की दुखद मृत्यु और बहुत से बच्चों के अस्वस्थ होने की घटना के बाद राज्य सरकार ने बच्चों के इलाज का पूरा ख़र्च उठाने की घोषणा की थी।
लेकिन मुझे समाचार प्राप्त हो रहे हैं कि बीमार बच्चों के इलाज का ख़र्च अब तक राज्य सरकार ने नहीं…
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) November 6, 2025
“आपसे अनुरोध है कि इस मानवीय विषय की गंभीरता को देखते हुए शीघ्र ही आदेश जारी करें ताकि प्रभावित परिवारों को आर्थिक एवं मानसिक राहत मिल सके।”
राजनीतिक रंग भी लगा चढ़ने
Politicalnews : छिंदवाड़ा, जो कमलनाथ का राजनीतिक गढ़ माना जाता है, वहां हुई इस घटना ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया है। विपक्ष सरकार पर लापरवाही के आरोप लगा रहा है, वहीं सरकार की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है।
इस बीच कमलनाथ का यह पत्र सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है, जिसमें वे सीधे तौर पर मुख्यमंत्री मोहन यादव को जवाबदेह ठहराते दिख रहे हैं।
जानिए कब और कैसे हुई यह घटना
Politicalnews : यह पूरा मामला छिंदवाड़ा जिले के परासिया क्षेत्र से जुड़ा है, जहां कथित तौर पर एक स्थानीय मेडिकल स्टोर से खरीदी गई कफ सिरप पीने के बाद कई बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। कुछ बच्चों की मौत हो गई, जबकि कुछ को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया।
जांच में सामने आया कि सिरप में जहरीले तत्व (टॉक्सिक कंपाउंड्स) मिले थे, जिनके सेवन से बच्चों के अंग फेल हो गए। इसके बाद प्रदेशभर में इस मुद्दे पर भारी आक्रोश फैल गया था और सरकार ने तत्काल कार्रवाई की घोषणा की थी।
लेकिन, घटना के कई सप्ताह बाद भी पीड़ित परिवारों को मुआवजा या इलाज का खर्च नहीं मिला है, जिससे जनता में नाराज़गी बढ़ रही है।
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