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Karwa Chauth 2025: मूर्त पूजन कर पाए पति की लंबी उम्र का आशीर्वाद लेकिन भूलकर भी न करें ये काम

Karwa Chauth 2025

Karwa Chauth 2025: करवा चौथ केवल एक व्रत नहीं, बल्कि हिंदू धर्म में स्त्री-शक्ति और परिवार के प्रति समर्पण का प्रतीक माना जाता है। इस दिन महिला अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है। हर साल कार्तिक मास की चतुर्थी को मनाया जाने वाला यह पर्व सुहागिन महिलाओं द्वारा पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है। लेकिन ये बात काफी कम लोग जानते हैं कि इस दिन केवल निर्जला व्रत और चंद्र दर्शन ही नहीं, बल्कि मूर्त पूजन का भी एक विशेष महत्व होता है।

पहले जानें क्यों होती है मूर्त पूजा?

Karwa Chauth 2025: करवा चौथ के दिन ‘मूर्त’ शब्द का मतलब मिट्टी से बनी हुई एक करवा माता की प्रतीकात्मक मूर्ति से होता है। अलग-अलग जगहों पर इसे अलग-अलग नाम से जाना जाता है। जैसे कोई इसे गौरी माता कहता है तो कोई करवा माता। यह मूर्ति देवी पार्वती का रूप मानी जाती है, जो अखंड सौभाग्य और परिवार कल्याण की प्रतीक होती हैं। महिलाएं इस दिन मिट्टी की मूर्ति के साथ करवा, दीपक, चूड़ियाँ, सिंदूर, और श्रृंगार सामग्री के साथ पूजा करती हैं।

Karwa Chauth 2025
                                                                                       Karwa Chauth 2025

अब जानें क्या है मूर्त पूजन से होने वाले लाभ

  1. पति की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन की कामना पूरी होती है।
  2. दांपत्य जीवन में प्रेम, विश्वास और सामंजस्य बढ़ता है।
  3. मूर्त पूजन से आध्यात्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
  4. गृहस्थ जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

हिंदू धर्म के अनुसार इस तरह करें करवा चौथ व्रत

Karwa Chauth 2025: हिंदू धर्म में करवाचौथ का पर्व सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर और 16 श्रृंगार कर अपने पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं। परंपरागत रूप से यह व्रत कठोर नियमों के साथ निभाया जाता है, लेकिन समय के साथ महिलाओं के मन में एक अहम सवाल उठता है— क्या मासिक धर्म (पीरियड्स) के दौरान करवा चौथ का व्रत रखा जा सकता है? दरअसल, करवाचौथ वर्ष में केवल एक बार आता है। जिसको लेकर महिलाएं पहले से ही तैयारियों में लग जाती है। ऐसे में यदि व्रत के दिन मासिक धर्म शुरू हो जाए, तो दुविधा होना स्वाभाविक है। धार्मिक दृष्टिकोण से कई परंपराएं पीरियड्स के दौरान व्रत, पूजा या मंदिर प्रवेश से मना करती हैं। हालांकि, यह नियम क्षेत्रीय और पारंपरिक मान्यताओं पर निर्भर करता है। लेकिन किसी महिला को करवाचौथ के दिन पीरियड्स हो रहे हों, तो व्रत पूरी तरह छोड़ने की आवश्यकता नहीं है। बस कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है जैसे- पूजा की बजाय मानसिक उपासना करें, स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और कथा और चंद्र दर्शन में मानसिक सहभागिता रखें।

                                                                                       Karwa Chauth 2025
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व्रत में भूलकर भी न करें ये काम

Karwa Chauth 2025: धार्मिक परंपराओं के मुताबिक, करवा चौथ के दिन नुकीली वस्तुएं जैसे कि चाकू, कैंची या सुई का उपयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसी वस्तुओं का प्रयोग अशुभ माना जाता है। जो व्रत की पवित्रता को प्रभावित कर सकता है। मान्यता है कि इस दिन नुकीली वस्तुओं से दूर रहना नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा का प्रतीक होता है। साथ ही पूजा करते वक्त महिलाओं को सोलह श्रृंगार करके ही पूजा स्थल पर बैठना चाहिए। विशेष रूप से चंद्रमा की उपासना भी पूर्ण श्रृंगार के साथ करना शुभ माना जाता है। मान्यता के अनुसार, इससे वैवाहिक जीवन में प्रेम, विश्वास और सामंजस्य बढ़ता है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

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