Rajyasabha News: संसद के आगामी शीतकालीन सत्र की तैयारियों के बीच राज्यसभा के सभापति सी. पी. राधाकृष्णन ने सदन में सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पीठासीन उप सभापतियों के पैनल का पुनर्गठन किया है। यह कदम सदन की कार्यवाही को बिना व्यवधान के आगे बढ़ाने की रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है।
नया पैनल, सात सदस्यों की महत्वपूर्ण भूमिका
राज्यसभा सचिवालय के अनुसार, नये पैनल में सात सदस्यों को शामिल किया गया है, जिनमें सर्वश्री दिनेश शर्मा, भुवनेश्वर कलिता, एस. फांगनन कोन्याक, रजनी अशोकराव पाटिल, सस्मित पात्रा, एम. थंबीदुरई और तिरुचि शिवा के नाम प्रमुख हैं।
राज्यसभा के नियमों के मुताबिक सभापति को छह सदस्यों को पैनल में नामित करने का अधिकार है, लेकिन इस बार संख्या सात रखने को व्यापक प्रतिनिधित्व देने की पहल के रूप में देखा जा रहा है।
Rajyasabha News: सदन की कार्यवाही को सुचारू बनाए रखना प्रमुख लक्ष्य
पीठासीन उप सभापतियों की भूमिका तब और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है जब सभापति और उप सभापति दोनों सदन में उपस्थित न हों। ऐसे में यह पैनल कार्यवाही को नियंत्रित करते हुए आवश्यक निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, ताकि संसद का कामकाज बिना किसी रुकावट के चलता रहे।शीतकालीन सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा होने की संभावना है, इसलिए इस पुनर्गठन को सुचारू और प्रभावी संचालन के लिए जरूरी कदम माना जा रहा है।
विभिन्न दलों और क्षेत्रों का संतुलित प्रतिनिधित्व
इस बार के पुनर्गठन में सत्ता पक्ष के साथ-साथ विभिन्न विपक्षी दलों और अलग-अलग राज्यों का भी प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया गया है। इसे भारतीय संसदीय व्यवस्था की संघीय भावना और सहयोगी राजनीति के दृष्टिकोण से अहम माना जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह का संतुलन सदन में संवाद और समन्वय को बेहतर बनाए रखता है।
Rajyasabha News: जानिए कब शुरू होगा शीतकालीन सत्र
राज्यसभा का यह नया पैनल आगामी एक दिसम्बर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में अपनी जिम्मेदारियां निभाना शुरू करेगा। यह उम्मीद जताई जा रही है कि नए ढांचे के साथ सदन की कार्यवाही अधिक अनुशासित और परिणाम केंद्रित होगी
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