Yogi Baba: उत्तर प्रदेश में अवैध प्रवासियों विशेषकर रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ व्यापक अभियान शुरू हो चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े निर्देशों के बाद पुलिस, खुफिया एजेंसियां और जिला प्रशासन संयुक्त रूप से मिशन मोड में यह ऑपरेशन चला रहे हैं। राज्यभर की संदिग्ध बस्तियों में डोर-टू-डोर सत्यापन अभियान तेज हो गया है।
पश्चिमी यूपी बना केंद्र बिंदु
सबसे अधिक फोकस मेरठ, हापुड़, बागपत, गाजियाबाद और आगरा जैसे जिलों पर किया जा रहा है। मेरठ में गुरुवार को बड़े स्तर पर तलाशी अभियान चलाया गया। लगभग 250 पुलिसकर्मियों और पीएसी जवानों की तैनाती में लोहियानगर और गढ़ रोड की दो बड़ी झुग्गी बस्तियों की 3 घंटे तक तलाशी, ड्रोन सर्विलांस के जरिए निगरानी, करीब 500 व्यक्तियों का वेरिफिकेशन और दस्तावेज जांच, अधिकांश लोगों ने खुद को पश्चिम बंगाल व असम का निवासी बताया, जिसकी क्रॉस-वेरिफिकेशन प्रक्रिया शुरू है।
Yogi Baba: खुफिया तंत्र सक्रिय, जिले में बना सत्यापन सेल
सीएम के आदेश पर हर जिले में सत्यापन सेल गठित किए गए हैं। मेरठ में ऑपरेशन की कमान सीओ अभिषेक पटेल के हाथ में है और इसकी समीक्षा एसएसपी स्तर पर हो रही है। एडीजी जोन भानु भास्कर ने बताया कि सभी जिलों में अवैध प्रवासियों की पहचान पर केंद्रित विशेष अभियान जारी है। मेरठ के जिलाधिकारी डॉ. वी.के. सिंह ने कहा कि शासन ने अवैध प्रवासियों के लिए डिटेंशन सेंटर बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए उपयुक्त भूमि चिह्नित की जा रही है। निर्माण व संचालन की प्रक्रिया शासन के आगे के निर्देशों के अनुसार पूरी की जाएगी।
आउटसोर्स कर्मचारियों का भी सत्यापन
प्रशासन को आशंका है कि संविदा व आउटसोर्स कर्मचारियों में कई लोग फर्जी दस्तावेजों के आधार पर काम कर रहे हैं। पुलिस और एलआईयू इन कर्मचारियों का भी वेरिफिकेशन कर रही है। फर्जी कागज मिलने पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
Yogi Baba: पूरे प्रदेश में मिशन मोड में एक्शन
सीएम योगी आदित्यनाथ के ताजा निर्देशों के बाद इस पूरे अभियान को मिशन मोड ऑपरेशन का नाम दिया गया है। पुलिस की टीमें खासतौर पर कबाड़ी बाजारों, रद्दी विक्रेताओं अस्थायी आवासीय बस्तियों और निर्माण स्थलों पर निगरानी रख रही हैं। खुफिया इनपुट के आधार पर कई नए लोकेशन भी चिह्नित किए जा रहे हैं।
आगरा में 27 बांग्लादेशी जेल से होंगे रिहा
आगरा पुलिस कमिश्नरेट भी पूरी सतर्कता बरत रहा है। पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने बताया कि वर्तमान में 27 बांग्लादेशी नागरिक जेल में सजा काट रहे हैं जिनकी सजा अगले महीने पूरी होने वाली है। जेल से रिहा होते ही उन्हें पुलिस अभिरक्षा में लेकर वापस भेजने की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी।
ताजगंज, सदर, सिकंदरा और जगदीशपुरा जैसे क्षेत्रों में भी गुप्त जांच चल रही है। पुलिस ने अब तक लगभग 250 संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ की है जिनमें अधिकांश ने अपनी पहचान पश्चिम बंगाल के रूप में बताई। सभी को चेतावनी दी गई है कि वे जांच पूरी होने तक क्षेत्र न छोड़ें।
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