बिहार चुनाव के दौरान भारत के लोकतंत्र की मजबूती और पारदर्शिता को विश्व समुदाय के समक्ष प्रदर्शित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए चुनाव आयोग ने मंगलवार को भारतीय अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं चुनाव प्रबंधन संस्थान (IIIDEM) में इंटरनेशनल इलेक्शन विजिटर्स प्रोग्राम (IEVP) 2025 की शुरुआत की। इस कार्यक्रम के अंतर्गत सात देशों के 14 प्रतिनिधि बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान प्रक्रिया का निरीक्षण करेंगे।
दो दिवसीय बिहार दौरे पर विदेशी प्रतिनिधि
चुनाव आयोग के अनुसार, इंटरनेशनल इलेक्शन विजिटर्स प्रोग्राम में भाग लेने वाले सभी प्रतिनिधि 5 और 6 नवंबर को बिहार का दौरा करेंगे। इस दौरान वे मतदान केंद्रों की तैयारी, सुरक्षा व्यवस्था और मतदाताओं की भागीदारी का प्रत्यक्ष अवलोकन करेंगे।प्रतिनिधि ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) प्रेषण केंद्रों का भी निरीक्षण करेंगे और मतदान दिवस यानी 6 नवंबर को मतदान की पूरी प्रक्रिया देखेंगे। उनका उद्देश्य भारत की विशाल चुनावी व्यवस्था को नजदीक से समझना और इसकी पारदर्शी प्रक्रिया का अध्ययन करना है।
ईवीएम संचालन और चुनावी प्रक्रिया की दी गई जानकारी
कार्यक्रम की शुरुआत में भारतीय चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रतिभागियों को चुनावी प्रणाली की विभिन्न प्रक्रियाओं से अवगत कराया।प्रतिनिधियों को ईवीएम और वीवीपैट मशीनों के संचालन की डेमो (प्रदर्शन) दी गई ताकि वे यह समझ सकें कि भारत में वोटिंग कितनी सटीक और सुरक्षित तकनीक से कराई जाती है।चुनाव आयोग ने उन्हें मतदाता सूची की तैयारी, बूथ स्तर की व्यवस्थाओं, मतदाता जागरूकता अभियानों और चुनावी प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी दी।
सात देशों से पहुंचे 14 अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागी
इस वर्ष के कार्यक्रम में सात देशों — फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका, बेल्जियम, इंडोनेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड और कोलंबिया — के कुल 14 प्रतिनिधि शामिल हुए हैं।इनमें कई देशों के चुनाव आयोगों के अधिकारी और लोकतंत्र अध्ययन से जुड़े विशेषज्ञ शामिल हैं। वे भारत के चुनावी प्रबंधन को एक मॉडल के रूप में देखने आए हैं ताकि अपने-अपने देशों में इससे प्रेरणा लेकर चुनावी सुधार कर सकें।
2014 से जारी है भारत का चुनावी मॉडल प्रदर्शन
भारत का यह इंटरनेशनल इलेक्शन विजिटर्स प्रोग्राम वर्ष 2014 से चल रहा है। इसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के बीच भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता और दक्षता को साझा करना है।भारत, जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, ने इस कार्यक्रम के माध्यम से कई देशों को चुनाव प्रबंधन की सर्वोत्तम प्रथाओं से परिचित कराया है।चुनाव आयोग का मानना है कि पारदर्शिता, तकनीकी नवाचार और मतदाता भागीदारी के क्षेत्र में भारत के अनुभव अन्य देशों के लिए भी उपयोगी साबित हो सकते हैं।
लोकतंत्र के वैश्विक मंच पर भारत की साख
भारत की चुनावी प्रणाली को दुनिया में सबसे सुसंगठित, पारदर्शी और तकनीकी रूप से सक्षम माना जाता है। इस कार्यक्रम के माध्यम से न केवल भारत की चुनावी प्रक्रियाओं की झलक दिखाई जाएगी, बल्कि यह भी बताया जाएगा कि कैसे चुनाव आयोग सीमित संसाधनों के बावजूद करोड़ों मतदाताओं तक निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करता है।बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के दौरान अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों की मौजूदगी भारत की लोकतांत्रिक छवि को और सशक्त बनाएगी तथा दुनिया को यह संदेश देगी कि भारत का लोकतंत्र सिर्फ विशाल नहीं, बल्कि सुदृढ़ और पारदर्शी भी है।
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