Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का माहौल अब पूरी तरह गर्म हो चुका है। महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर दिया है, लेकिन इसके साथ ही लालू परिवार और गठबंधन के भीतर चिंता की लहर तेज हो गई है। वजह है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बिहार में सिर्फ दो रैलियाँ। इन दो रैलियों ने ऐसा माहौल बना दिया है कि महागठबंधन के खेमे में टेंशन साफ़ झलकने लगी है। तेजस्वी यादव की बहन और राज्यसभा सांसद मिसा भारती ने सीएम योगी की मौजूदगी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि योगी जी का बिहार में क्या काम है? यहाँ बुलडोज़र की ज़रूरत नहीं है।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज
Bihar Elections 2025: मिसा का यह बयान अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान महागठबंधन की बढ़ती बेचैनी और डर को उजागर करता है। गौरतलब है कि मिसा भारती ने हाल में एक जनसभा में नारा लगाया कि योगी से बचो, बिहार को बचाओ! यह नारा महागठबंधन के भीतर उस डर को दिखाता है जो योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता और उनकी निर्णायक छवि से जुड़ा है।2020 के बिहार चुनाव में जहाँ-जहाँ योगी ने रैलियाँ की थीं, वहाँ एनडीए को शानदार जीत मिली थी। यही कारण है कि महागठबंधन इस बार योगी की दो रैलियों से ही सतर्क हो गया है।
बुलडोज़र बाबा की छवि बनी डर का कारण
Bihar Elections 2025: राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि योगी आदित्यनाथ की बुलडोज़र और निर्णायक नेता की छवि ने बिहार की सियासत में मनोवैज्ञानिक दबाव बना दिया है। महागठबंधन के रणनीतिकारों को यह चिंता है कि अगर योगी की रैलियों का असर पिछले चुनाव की तरह दोहराया गया, तो गठबंधन को चुनावी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
तेजस्वी के सामने दोहरी चुनौती
Bihar Elections 2025: तेजस्वी यादव लगातार यह दावा कर रहे हैं कि वह बिहार को बदल देंगे, लेकिन योगी की रैलियों ने उनकी रणनीति को चुनौती दी है। एक ओर उन्हें एनडीए से सीधा मुकाबला करना है, और दूसरी ओर योगी आदित्यनाथ की लोकप्रिय और निर्णायक छवि से जनता को प्रभावित होने से रोकना भी एक बड़ी चुनौती है।
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