देशभर में सोने की कीमतों में गिरावट का सिलसिला जारी है। तीसरे हफ्ते भी सोना के दाम नीचे आए हैं, जिससे शादी या निवेश की सोच रहे लोगों के चेहरे पर थोड़ी राहत जरूर आई है। इस हफ्ते 24 कैरेट गोल्ड के दाम में करीब 980 रुपये की गिरावट दर्ज की गई है, जबकि 22 कैरेट सोना 1160 रुपये सस्ता हुआ है। राजधानी दिल्ली में अब 24 कैरेट सोना 122170 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना 112000 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बिक रहा है।
डॉलर मजबूत और फेड की नीतियों का असर
सोने के रेट में गिरावट की एक बड़ी वजह अंतरराष्ट्रीय बाजार की हलचल बताई जा रही है। अमेरिकी डॉलर की मजबूती और फेडरल रिजर्व की ‘वेट एंड वॉच’ नीति के चलते निवेशकों ने सेफ एसेट यानी गोल्ड से थोड़ा हाथ खींच लिया है। जब डॉलर मजबूत होता है, तो सोने में निवेश का आकर्षण घट जाता है। इसी वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड की मांग कमजोर हुई है और इसका असर भारतीय बाजार में भी दिखा है।
देश के प्रमुख शहरों में सोने के ताजा भाव
- दिल्ली: 24 कैरेट सोना 122170 प्रति 10 ग्राम, 22 कैरेट 112000 प्रति 10 ग्राम
- मुंबई: 24 कैरेट 122020, 22 कैरेट 111850 प्रति 10 ग्राम
- चेन्नई: 24 कैरेट 122020, 22 कैरेट 111850 प्रति 10 ग्राम
- कोलकाता: 24 कैरेट 122020, 22 कैरेट 111850 प्रति 10 ग्राम
- पुणे और बेंगलुरु: 24 कैरेट 122020, 22 कैरेट 111850 प्रति 10 ग्राम
यानी देखा जाए तो फिलहाल देशभर में दामों में बहुत बड़ा अंतर नहीं है। दिल्ली में थोड़ी ज्यादा कीमत बनी हुई है, जबकि मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में दरें लगभग बराबर हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी दबाव
ग्लोबल लेवल पर सोने का हाजिर भाव 3,996.93 डॉलर प्रति औंस तक फिसल गया है। हालांकि कुछ बड़े वित्तीय संस्थानों का मानना है कि आने वाले समय में फिर तेजी देखने को मिल सकती है।
गोल्डमैन सैक्स ने अनुमान लगाया है कि दिसंबर 2026 तक सोना 4,900 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है।
ANZ बैंक का कहना है कि अगले साल के मध्य तक गोल्ड 4,600 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है।
डीएसपी मेरिल लिंच का मानना है कि फिलहाल गिरावट अस्थायी है और आने वाले महीनों में सोने में फिर से तेजी लौट सकती है।
चांदी ने दिखाया उल्टा ट्रेंड
जहां सोना लगातार नीचे जा रहा है, वहीं चांदी ने उल्टी चाल चली है। एक हफ्ते में चांदी के दाम 500 रुपये बढ़ गए हैं। 9 नवंबर को चांदी 152500 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि चांदी का इस्तेमाल सिर्फ गहनों में ही नहीं, बल्कि इलेक्ट्रॉनिक और सोलर इंडस्ट्री में भी बढ़ रहा है। इस वजह से इसकी मांग बनी हुई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी चांदी का हाजिर भाव 48.48 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया है।
निवेशकों के लिए क्या मतलब है ये गिरावट?
जो लोग लंबे समय से सोने में निवेश का सोच रहे हैं, उनके लिए यह समय मौका साबित हो सकता है। कीमतें फिलहाल नीचे हैं, और अगर विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले महीनों में दोबारा तेजी आ सकती है।
हालांकि, बाजार में निवेश से पहले सोने और चांदी के ट्रेंड को ध्यान से समझना जरूरी है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय आर्थिक हालात और डॉलर की चाल पर इनके दाम काफी हद तक निर्भर करते हैं।
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