जम्मू-कश्मीर में आतंक नेटवर्क को खत्म करने के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने इस हफ्ते बड़ा अभियान चलाया। इसी बीच कठुआ जिले में दो पुलिस अधिकारियों को आतंकियों से संबंध रखने के आरोप में नौकरी से निकाल दिया गया है। इन दोनों अफसरों पर आरोप है कि वे आतंकवादियों की मदद कर रहे थे और उनके संपर्क में थे।
दोनों अफसरों की पहचान और आरोप
बर्खास्त किए गए अफसरों की पहचान अब्दुल लतीफ और मोहम्मद अब्बास के रूप में हुई है। पुलिस जांच में सामने आया कि अब्दुल लतीफ का कई आतंकियों से लगातार संपर्क था और वह उनकी हर संभव मदद कर रहा था। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और वह इस समय डोडा जेल में बंद है। दूसरे अधिकारी मोहम्मद अब्बास के खिलाफ भी चार अलग-अलग केस दर्ज हैं, जिनमें आतंकियों को सहयोग देने और उनके नेटवर्क को सपोर्ट करने के आरोप शामिल हैं।
आतंकी नेटवर्क पर तगड़ा वार
कश्मीर घाटी में आतंक की जड़ों को खत्म करने के लिए शनिवार को एक बड़ा ऑपरेशन चलाया गया। इसमें जम्मू-कश्मीर पुलिस, काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर (CIK) और नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की टीमें शामिल थीं। संयुक्त कार्रवाई के तहत 120 से ज्यादा ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई। इनमें कई जिले जैसे बडगाम, कुलगाम, शोपियां और गांदरबल शामिल हैं।
छापों के दौरान मोबाइल फोन, सिम कार्ड, डिजिटल डिवाइस, दस्तावेज और कई संदिग्ध वस्तुएं जब्त की गईं। अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई खास खुफिया इनपुट के आधार पर की गई थी। सूत्रों के मुताबिक, जानकारी मिली थी कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में बैठे आतंकियों के रिश्तेदार जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग इलाकों से उनसे संपर्क में हैं और भारत विरोधी प्रोपेगेंडा फैलाने का काम कर रहे हैं।
फॉरेंसिक जांच और डेटा माइनिंग से खुलेंगे राज
जांच एजेंसियों के मुताबिक, जब्त किए गए सारे डिजिटल डिवाइसों को अब फॉरेंसिक लैब्स में भेजा जाएगा, जहां उनका डेटा डिक्रिप्ट कर पता लगाया जाएगा कि संदिग्ध सिर्फ संपर्क में थे या वे आतंकियों की भर्ती, फंडिंग या ठिकाने देने में भी शामिल थे। संदिग्धों के सोशल मीडिया अकाउंट, बैंक ट्रांजैक्शन, कॉल रिकॉर्ड और यात्रा इतिहास की भी बारीकी से जांच की जा रही है। अगर जांच में नए नाम सामने आते हैं तो आने वाले दिनों में और छापे और पूछताछ की कार्रवाई हो सकती है।
गांदरबल में 60 से ज्यादा घरों पर छापा
इस अभियान में गांदरबल जिले में 60 से ज्यादा घरों की तलाशी ली गई। ये सभी घर या तो जेल में बंद आतंकियों के परिवारों के हैं या फिर पाकिस्तान में सक्रिय आतंकियों के रिश्तेदारों के।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हमारा मकसद आतंकियों से संपर्क की हर कड़ी को खत्म करना, उनके प्रोपेगेंडा के रास्ते बंद करना और फंडिंग नेटवर्क को तोड़ना है।”
दो आतंकी मारे गए
इधर कुपवाड़ा जिले में सेना ने एक और बड़ी सफलता हासिल की। नियंत्रण रेखा (LoC) के पास केरन सेक्टर में दो आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश की, लेकिन सेना ने उन्हें मौके पर ही ढेर कर दिया। यह कार्रवाई शुक्रवार रात मिली खुफिया जानकारी के बाद की गई थी। जवानों ने संदिग्ध हरकत देखी तो आतंकियों को ललकारा, जिसके बाद उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग में दोनों आतंकी मारे गए।
लगातार बढ़ रही है सुरक्षा एजेंसियों की सख्ती
कश्मीर में बीते कुछ महीनों में सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकी फंडिंग, भर्ती और पाकिस्तानी नेटवर्क पर लगातार शिकंजा कसा है। पुलिस का कहना है कि ऐसे अफसरों या स्थानीय लोगों पर अब किसी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी जो आतंकियों की मदद करते हैं।
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