Bihar Politics: पटना में 20 नवंबर को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियाँ गांधी मैदान में शुरू हो चुकी हैं, लेकिन सरकार गठन को लेकर एनडीए सहयोगियों के बीच चेहरों और पदों के फार्मूले पर गहरी बातचीत जारी है। इसी सिलसिले में सोमवार आधी रात जदयू के वरिष्ठ नेता ललन सिंह और संजय झा चार्टर्ड विमान से दिल्ली तलब किए गए। दिल्ली पहुंचकर संजय झा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात कर चुके हैं, जहां कैबिनेट के गठन और पॉवर शेयरिंग पर चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक आने वाले 48 घंटे एनडीए के आंतरिक समीकरण तय करने में निर्णायक साबित हो सकते हैं।
एनडीए में चल रहा बैठकों का दौर जारी
दिल्ली में पहले से ही लोजपा-रामविलास प्रमुख चिराग पासवान, रालोमा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और हम पार्टी प्रमुख जीतनराम मांझी मौजूद हैं। रविवार को भी इन नेताओं की अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से बातचीत हुई थी। सूत्रों के मुताबिक लगातार एनडीए के घटक प्रमुख मीटिंग्स कर रहे है। बिहार भाजपा के शीर्ष नेता भी मंगलवार को दिल्ली पहुंच रहे हैं, जहां अंतिम फार्मूला तय किया जाएगा।
स्पीकर और सत्ता संतुलन पर सबसे बड़ी रस्साकशी
सरकार गठन की प्रक्रिया में सबसे बड़ा विवाद स्पीकर पद को लेकर है। जदयू का तर्क है कि विधान परिषद के सभापति पद पर फिलहाल भाजपा का कब्जा है, इसलिए विधानसभा अध्यक्ष का पद जदयू को मिलना चाहिए। वहीं भाजपा का कहना है कि मुख्यमंत्री का पद जदयू के पास है, इसलिए स्पीकर पद पर भाजपा का स्वाभाविक अधिकार बनता है।
Bihar Politics:19 नवंबर को विधानसभा भंग करने का प्रस्ताव
सोमवार को मौजूदा सरकार की अंतिम कैबिनेट बैठक में 19 नवंबर को विधानसभा भंग करने का प्रस्ताव पास हुआ। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मुलाकात कर इसकी औपचारिक जानकारी दी।
फोन कॉल से बढ़ा तनाव?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विधानसभा भंग की अनुशंसा के बाद ही आरएसएस नेताओं की लगभग तीन घंटे की बैठक हुई, जिसमें नंबर गेम, कैबिनेट स्ट्रक्चर, स्पीकर और डिप्टी सीएम पर विस्तृत चर्चा हुई। इसी बैठकों के बाद दिल्ली से फोन गया और जदयू के दोनों वरिष्ठ नेताओं को तुरंत बातचीत के लिए बुला लिया गया। इससे सियासी हलचल और बढ़ गई है।
जदयू का स्टैंड साफ़
सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार बराबर की भागीदारी को लेकर सख्त रुख में हैं और चाहते हैं कि स्पीकर जदयू से हो तथा विधान परिषद के सभापति का पद भाजपा के पास रहे। चर्चा यह भी है कि जदयू मुख्यमंत्री के साथ एक डिप्टी सीएम पद की मांग पर भी अड़ा है। भाजपा की ओर से जिसे भी उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा, उसकी नियुक्ति अंतिम रूप से नीतीश कुमार की स्वीकृति से ही संभव होगी।
मंत्रिमंडल के संभावित बदलाव
JDU:
पिछली सरकार में जदयू के 13 मंत्री थे, जिनमें से लगभग 10 के नाम दोबारा तय माने जा रहे हैं। पार्टी बड़े बदलाव के मूड में नहीं है।
BJP:
भाजपा कोटे से 19 मंत्रियों की सूची में इस बार बड़े बदलाव की संभावना है।
* डिप्टी सीएम विजय सिन्हा को बदला जा सकता है
* सम्राट चौधरी का भविष्य अभी स्पष्ट नहीं
* मंगल पांडेय और रजनीश कुमार के नाम भी डिप्टी सीएम की रेस में
सबकी नजर
20 नवंबर को शपथ ग्रहण तय है, लेकिन असली रोडमैप, चेहरे और साझा फार्मूला दिल्ली के अंतिम दौर की वार्ताओं के बाद ही सामने आएगा। फिलहाल बिहार की राजनीति में दबाव, संवाद और सस्पेंस अपने चरम पर है। लगातार खबर इण्डिया आपको इस हलचल से अपडेट करते रहेगा। नीतीश मुख्यमंत्री तो बनेंगे लेकिन स्पीकर पद पर यह जदयू के बड़े चेहरे क्या हामी भरवा पाएंगे यह देखना बेहद दिलचस्प होगा।







