करीब 54 साल बाद पाकिस्तान का एक नौसैनिक जहाज बांग्लादेश पहुंचा है, जो दोनों देशों के रिश्तों में नई शुरुआत की तरफ इशारा करता है। शनिवार को पाक नेवी का युद्धपोत PNS सैफ बंगाल की खाड़ी से होते हुए बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह पर लंगर डाला। यह चार दिन की गुडविल विजिट यानी सद्भावना यात्रा पर है, जिसका मकसद दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच भरोसा और सहयोग बढ़ाना है।
अब तकनीकी दिक्कतों से जूझ रहा
बांग्लादेश नौसेना की ओर से बताया गया कि जहाज की कमान कैप्टन शुजात अब्बास राजा के पास है। जैसे ही जहाज बांग्लादेश के समुद्री क्षेत्र में दाखिल हुआ, BNS शाधीनोता नाम के स्थानीय जहाज ने उसे सलामी दी और बंदरगाह तक साथ लेकर गया। चटगांव पहुंचने के बाद दोनों देशों के नौसैनिक अधिकारियों ने मुलाकात की और आपसी तालमेल पर बातचीत की। यह यात्रा 12 नवंबर तक चलेगी।
चीन में बना जहाज
जानकारी के मुताबिक, PNS सैफ को चीन ने 2010 में पाकिस्तान को बेचा था। यह F-22P फ्रिगेट क्लास का जहाज है, लेकिन अब इसमें स्टेबलाइजर की तकनीकी खराबी सामने आई है। यह वही सिस्टम होता है जो जहाज को समुद्र में संतुलित रखता है। रिपोर्ट्स कहती हैं कि इसी क्लास के दूसरे जहाज PNS शामशीर और PNS आसलत में भी ऐसी दिक्कतें आई हैं।
नहीं है टिकाऊ
इस खराबी के कारण जहाज के कंट्रोल और नेविगेशन में मुश्किल आती है। विशेषज्ञों का कहना है कि चीनी हथियार सस्ते तो होते हैं, लेकिन टिकाऊ नहीं। पाकिस्तान ने इन जहाजों पर करीब 6,375 करोड़ रुपये खर्च किए थे। अब मरम्मत में भी भारी खर्च झेलना पड़ रहा है।
पाक नौसेना प्रमुख भी पहुंचे बांग्लादेश
इसी दौरान पाक नौसेना प्रमुख एडमिरल नवेद अशरफ भी चार दिन के दौरे पर ढाका पहुंचे हैं। बांग्लादेश नेवी का कहना है कि यह दौरा दोनों सेनाओं के बीच दोस्ती और समझ को मजबूत करेगा। कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के टॉप मिलिट्री कमांडर जनरल साहिर शमशाद मिर्जा भी बांग्लादेश गए थे और उन्होंने अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की थी।
6 नए समझौते से बढ़ी नजदीकी
अगस्त 2024 में, जब शेख हसीना की सरकार गिरी और यूनुस की अंतरिम सरकार बनी, तब पाकिस्तान ने सबसे पहले उसका स्वागत किया था। तभी से दोनों देशों के रिश्तों में गरमाहट बढ़ी है। अगस्त में दोनों देशों ने 6 अहम समझौतों पर दस्तखत किए, जिनमें व्यापार, शिक्षा, मीडिया, रणनीतिक अध्ययन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे मुद्दे शामिल हैं। अब सरकारी और राजनयिक पासपोर्ट धारक बिना वीजा एक-दूसरे के देश जा सकेंगे। इसके अलावा दोनों देशों के विदेश सेवा संस्थान और मीडिया एजेंसियां मिलकर काम करेंगी।
इतिहास के गहरे जख्म
याद दिला दें कि 1971 में पाकिस्तान ने ऑपरेशन सर्चलाइट चलाकर पूर्वी पाकिस्तान (आज का बांग्लादेश) में बड़ा नरसंहार किया था। इस अभियान में करीब 30 लाख लोग मारे गए और लाखों महिलाएं हिंसा की शिकार हुईं।
दोनों देशों के रिश्तों में नई गर्मजोशी
इसके बाद, भारत के हस्तक्षेप से 16 दिसंबर 1971 को बांग्लादेश का जन्म हुआ। उस दौर के रिश्ते में गहरी कड़वाहट आज भी बाकी है, लेकिन अब दोनों देश नई शुरुआत करने की कोशिश में हैं।
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