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क्या आप भी फैटी लिवर से परेशान हैं? तो अपनाएं ये आयुर्वेदिक नुस्खे, पाएं इस गंभीर समस्या से निजात

फैटी लिवर इन दिनों एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। यह वैसे तो आम समस्या है, लेकिन इसे एक गंभीर समस्या में रखा गया है। शुरुआत में जब फैटी लिवर हो जाता है तो यह दर्द नहीं देता, इसीलिए लोग इसे पूरी तरह से अनदेखा कर देते हैं। जिससे बाद में भोजन न पचने और पेट संबंधी समस्या से लोग जूझना शुरू कर देते हैं। धीरे-धीरे पेट की अग्नि पूरी तरह से कमजोर हो जाती है, जिससे बाद में थकान, पेट में भारीपन, अपच, मितली की समस्या लोगों को जकड़ लेती है।

 

अब जानिए कैसे होता है फैटी लिवर

आयुर्वेद में लिवर को पित्त का घर कहा गया है। पित्त हमारे शरीर की अग्नि के लिए बेहद आवश्यक है। जब शरीर में पित्त की मात्रा बढ़ने लगती है तो शरीर बहुत ज्यादा मोटा होने लगता है। पेट की चर्बी भी बढ़ने लगती है। आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन यह सच है कि वही चर्बी लिवर में जमना शुरू कर देती है।

जानिए किन आदतों से बनता है फैटी लिवर

यूँ तो फैटी लिवर की समस्या आम है, पर जब आपकी आदतें ठीक नहीं रहतीं तो यह एक बड़ी समस्या में तब्दील हो जाता है। फैटी लिवर के मुख्य कारणों में निम्नलिखित आदतें शामिल हैं

बाहर का तला-भुना खाना अपने भोजन में शामिल करना।

अत्यधिक मीठा खाना। ठंड के मौसम में लोग जलेबी, रबड़ी आदि का अधिक मात्रा में सेवन करने लगते हैं, जिससे उन्हें पता भी नहीं चलता कि वे इतनी शुगर अब्सॉर्ब कर लेते हैं जो उन्हें नुकसान पहुँचा सकती है।

मैदे से बने जंक फूड का सेवन भी फैटी लिवर का कारण बन जाता है, जिनमें बर्गर, पिज़्ज़ा, मोमोज शामिल हैं।

कोल्ड ड्रिंक और एसिडिक बेवरेज का सेवन भी फैटी लिवर का कारण बन जाता है।

देर रात भोजन करना और दिनभर तनाव में रहना भी सामान्य लिवर को फैटी लिवर में बदल देता है।

नींद पूरी न लेना , कम नींद के कारण भी फैटी लिवर बन जाता है।

 

फैटी लिवर के लक्षण

फैटी लिवर के लक्षणों में दाईं तरफ पेट में भारीपन, गैस, अपच, मितली, भूख में बदलाव, थकान, सुस्ती, सुबह पेट भारी होना, जीभ पर सफेद परत और पेट पर चर्बी दिखाई देना शामिल है।

आयुर्वेदिक औषधियां जो मददगार हैं

आयुर्वेदिक औषधियों में भूमि आमला रस, कलमेघ चूर्ण, त्रिफला चूर्ण, पुनर्नवा चूर्ण और एलोवेरा रस लाभदायक हैं, लेकिन किसी भी दवा का उपयोग योग्य वैद्य की सलाह से ही करना चाहिए।

कुछ आसान घरेलू नुस्खे भी हैं , जैसे जीरा-धनिया-सौंफ का पानी, लौकी सूप, नींबू जल, अलसी के बीज, अदरक रस और हल्दी। ये पाचन सुधारते हैं, यकृत पर भार कम करते हैं और सूजन घटाते हैं।

सतर्कता है जरूरी 

फैटी लिवर एक चेतावनी है कि जीवनशैली सुधारें। रोजाना छोटे-छोटे बदलाव ही सबसे बड़ी औषधि हैं। हल्का भोजन, पर्याप्त पानी, सही नींद, हल्की कसरत और मानसिक शांति ये सब लिवर को स्वस्थ रखते हैं।

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