Gas tragedy bhopal : भोपाल में गैस त्रासदी की 41 वीं बरसी पर बुधवार को निकली रैली अचानक बवाल में बदल गई। गैस पीड़ित संगठनों ने वारेन एंडरसन के पुतले के साथ आरएसएस जैसी यूनीफार्म वाला एक और पुतला लेकर मार्च शुरू किया। बीजेपी ने इसे आपत्तिजनक बताया और कुछ ही मिनटों में पुलिस ने विवादित पुतला जब्त कर रैली रोक दी।
रैली भारत टॉकीज अंडरब्रिज से जेपी नगर गैस त्रासदी स्मारक तक जाने वाली थी, लेकिन विवाद ने रास्ता बदल दिया। रैली गंतव्य तक पहुंचने से पहले ही तनाव और आरोप-प्रत्यारोप ने माहौल गरमा दिया। संगठनों का दावा है कि यह पुतला RSS का नहीं, बल्कि डाउ (The Dow Chemical Company) और यूनियन कार्बाइड के सहयोगियों का प्रतीक है।
पुलिस ने किया बीच-बचाव नोकझोक जैसी बनी स्तिथि
गैस पीड़ित संगठन एक हाथठेले पर दो पुतले लेकर पहुंचे थे, जिसमें से एक पुतला आरएसएस की वेशभूषा की तरह कपड़े पहने था। सूचना मिलते ही बीजेपी मंडल अध्यक्ष आशीष सिंह कार्यकर्ताओं के साथ पहुंच गए। उन्होंने कहा कि आरएसएस वालों का पुतला जलाओगे? हिम्मत कैसे हुई? इसके बाद बीजेपी और गैस पीड़ित संगठन के पदाधिकारियों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। पुलिस को बीच-बचाव करना पड़ा।
Gas tragedy bhopal : विवाद के बाद रैली हुई स्थगित
एसीपी राकेश सिंह बघेल ने कहा कि गैस पीड़ित एक्टिविस्ट रचना ढींगरा हर साल रैली निकालती हैं। भारत टॉकीज के पास लोग इकट्ठा हुए थे। एक ठेले पर दो पुतले थे। जब कपड़ा हटाया तो एक एंडरसन और दूसरा एक संगठन का पुतला निकला। इसे लेकर आपत्ति ली गई थी। इसके बाद पुतले को हटाया गया। एसीपी बघेल ने बताया, तथ्यों के अनुसार कार्रवाई की जा रही है। यदि किसी संगठन को ठेस पहुंचाई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विवाद के बाद रैली स्थगित कर दी गई।
Gas tragedy bhopal : संगठन संयोजक ने दी जानकरी
संगठन के संयोजक शावर खान ने बताया, गैसकांड को भले ही कई साल बीत गए हो, लेकिन गैस पीड़ित आज भी दुनिया की सबसे भयानक त्रासदी का दंश भोग रहे हैं। जिस जगह फैक्ट्री है, उसके जहरीले कचरे की वजह से आसपास के 5 किलोमीटर के दायरे में पीने का पानी दूषित है। इस वजह से हजारों लोग गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। सरकार इन पीड़ितों की सेहत पर गंभीरता से ध्यान दें। इसके अलावा पीड़ितों को पांच गुना मुआवजा दिया जाए। ताकि, वे बेहतर तरीके से जीवन यापन कर सकें।
Report by : ADITYA KUMAR SHARMA .







