Pakistan news: पाकिस्तान इन दिनों एक साथ कई संकटो से जूझ रह है एक तरफ जहां पाकिस्तान की आर्मी आपस में लड़ाई लड़ती हुई दिखाई देती है तो वही पिछले कई दिनों से न्यायपालिका से जुड़े हुए लोग अब सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गए है। आज पाकिस्तान में सेना को बलवान और अन्य प्रशासनिक एवं संवैधानिक इकाइयों को कमजोर करने वाले 27वें संशोधन के खिलाफ कराची बार एसोसिएशन (केबीए) के वकीलों ने शनिवार को सिंध हाई कोर्ट (एसएचसी) में जबरदस्त प्रदर्शन किया। स्थानीय मीडिया ने इस पुरे मामले का खुलासा किया है। एसएचसी परिसर में वकीलों और पुलिस के बीच जबरदस्त भिड़ंत की भी जानकारी सामने आई है।
सुप्रीम कोर्ट के हटने का खतरा
पुलिसवालों का आरोप है कि वकीलों ने उनकी यूनीफॉर्म तक फाड़ डाली। इस विवादित संशोधन के कारण फेडरल कॉन्स्टिट्यूशनल कोर्ट (एफसीसी) बना है, जिसे विपक्ष के पुरजोर विरोध के बावजूद संसद ने पास कर दिया। जाने माने मीडिया आउटलेट डॉन ने कुछ विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि यह देश के सबसे बड़े ज्यूडिशियल फोरम के तौर पर सुप्रीम कोर्ट को हटाने और पद एफसीसी को देने का एक तरीका है।
Pakistan news: दो जजों ने दिया इस्तीफा
एससी पर इसके असर का हवाला देते हुए, पूर्व और मौजूदा जजों के साथ-साथ वकीलों ने भी विरोध में आवाज उठाई है। 13 नवंबर को संशोधन लागू किए जाने के कुछ घंटों बाद, एससी के दो जजों ने इसके खिलाफ अपनी आपत्ति जताते हुए इस्तीफा दे दिया था। ये दो जज अतहर मिनल्लाह और मंसूर अली शाह थे, जो उस समय एससी के वरिष्ठ जज थे।

Pakistan news: वकीलों ने किया उग्र प्रदर्शन
शनिवार को, वकीलों ने एसएचसी परिसर के बाहर नारे लगाकर अपना विरोध शुरू किया और बाद में हाई कोर्ट के परिसर में दाखिल हो गए। डॉन के मुताबिक, कुछ वकील पुलिस वालों से भिड़ते हुए देखे गए। झड़प के बाद, पुलिस वाले पीछे हट गए और विरोध प्रदर्शन जारी रखने दिया गया। कुछ पुलिस अधिकारियों को मामूली चोटें आने की खबर है। वकील सिंध हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के हॉल में घुस गए और सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए अपना प्रदर्शन जारी रखा। बाद में बिजली सप्लाई बंद होने के बाद उन्होंने बार रूम के बाहर प्रदर्शन किया।
असीम मुनीर को ताकत देगा यह संसोधन ?
27वें संविधान संशोधन के लागू होते ही न्यायिक पावर कम हो जाएँगी। बताया जा रहा है यह संशोधन सेना प्रमुख असीम मुनीर को 2030 तक रक्षा बलों के प्रमुख (CDF) के पद पर बने रहने की भी अनुमति देगा लाहौर के वकीलों ने न्यायाधीशों से भी अपना विरोध दर्ज कराने के लिए इस्तीफा देने का आग्रह किया है। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के तीन जज अब तक इस संशोधन के खिलाफ इस्तीफा दे चुके हैं। इसने लोकतंत्र समर्थकों की चिंता को बढ़ा रखा है।
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