REKHA GUPTA: नई दिल्ली। महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा देने के बाद अब दिल्ली सरकार ट्रांसजेंडर समुदाय को भी बड़ी सौगात देने की तैयारी में है। राजधानी में जल्द ही ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को सभी सरकारी बसों—डीटीसी और क्लस्टर—में बिना किराया दिए यात्रा की सुविधा मिलेगी। यह निर्णय समावेशी यात्रा प्रणाली और समानता को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में लगभग 5,000 से अधिक बसें इस योजना के दायरे में आएंगी।
योजना अंतिम चरण में, जल्द मिल सकती है मंजूरी
REKHA GUPTA: दिल्ली सरकार के समाज कल्याण मंत्री रविंदर इंद्रज सिंह ने पुष्टि की कि इस योजना को लागू करने के लिए कैबिनेट नोट तैयार किया जा चुका है और जल्द ही इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। मंत्री ने बताया कि ट्रांसजेंडर समुदाय को यह सुविधा देना सरकार की सामाजिक समावेश की नीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। उनका कहना है कि यह पहल सार्वजनिक स्थानों पर समानता को बढ़ावा देगी और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को गरिमा के साथ यात्रा करने में मदद करेगी।
यात्रा को सुरक्षित और सम्मानजनक बनाने की तैयारी
REKHA GUPTA: योजना शुरू करने से पहले परिवहन विभाग ने दिल्ली परिवहन निगम (DTC) और क्लस्टर बसों के सभी कर्मचारियों को संवेदनशीलता प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बसों में तैनात स्टाफ को व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि ट्रांसजेंडर यात्रियों के साथ किसी तरह का भेदभाव न हो और वे यात्रा के दौरान सुरक्षित तथा सहज महसूस करें। प्रशिक्षण में शिष्टाचार, सम्मानजनक व्यवहार और आवश्यकता पड़ने पर सहायता करने जैसे विषय शामिल होंगे।
स्मार्ट मोबिलिटी कार्ड से होगी आसान यात्रा
REKHA GUPTA: सरकार की योजना ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए स्मार्ट मोबिलिटी कार्ड जारी करने की भी है। समाज कल्याण मंत्री के अनुसार, इससे उनकी पहचान और यात्रा प्रक्रिया में आसानी होगी। कार्ड के जरिए वे बसों में चढ़ते समय डिजिटल तरीके से फ्री ट्रैवल का लाभ ले सकेंगे। यह कार्ड उन्हें अलग से पहचान के साथ सुविधा देगा, जिससे यात्रा प्रणाली और भी व्यवस्थित तथा आधुनिक बनेगी।
समावेशी दिल्ली की दिशा में बड़ा कदम
REKHA GUPTA: दिल्ली सरकार का यह निर्णय राजधानी को एक समावेशी समाज की ओर ले जाने का प्रयास है। सरकार का मानना है कि ट्रांसजेंडर समुदाय लंबे समय से सामाजिक भेदभाव और असुविधाओं का सामना कर रहा है। ऐसे में यह पहल उन्हें मुख्यधारा के परिवहन तंत्र में शामिल करने की दिशा में सकारात्मक बदलाव साबित होगी। सरकार को उम्मीद है कि इस कदम से समाज के अन्य क्षेत्रों में भी समानता और सम्मान का संदेश जाएगा।
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